अदब और तहज़ीब का अच्छा मज़ाक उड़ाया है
'फैशन' का नाम दे कर ..!!-
हम लड़कियां फैशन (शौक) में छोटे कपड़े पहनते हैं ,
आपके लिए अपने बदन की नुमाइश नहीं करते ...
यह आपका नजरिया ही गलत है साहब !
हम आपसे रेप करने की कभी फरमाइश नहीं करते...-
महँगा ये सौदा होता गया...
इश्क़ के बाज़ारों में बदले तरीक़े
पुराना फ़ैशन होता गया...
लागत मिलना भी हिसाब में नहीं
और भी मुनाफ़ा कम होता गया...-
बस एक बार यह फैशन भारत आ जाए फिर पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का मसला हल हो जाएगा।
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फटे कपड़ों को फैशन कहती फिरती हैं अब नस्लें,
अब भी मग़र कुछ जिस्म पैबन्द को तरसते हैं!
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झकी भी नुवीं चीज हां बा इक दिण
पुराणी जरूर होवे हैं
अर हर पुराणी चीज इक दिण
नुवीं बनर पाछी जरूर आवे है
चाहे बा फैशन हो चाहे मीनख (इनसाण)
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आज-कल तो लड़के भी गज़ब ढा रहे हैं
पहनकर साड़ी हूर पड़ा नज़र आ रहे हैं
क्या फैशन का नया दौर हो आया है
मर्दानी और जनानी में बाकी क्या रह गया है..
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# 28-11-2020 # काव्य कुसुम # दुर्व्यसन #
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आज फैशन-व्यसन मानव का सुख-चैन नष्ट कर रहे हैं ।
वेश-भूषा, साज़-सज्जा मध्यम वर्ग को भ्रष्ट कर रहे हैं ।
सच्चे सुख के लिए आत्ममुग्ध होकर दुर्व्यसन त्यागो -
सुरा-सुंदरी पर अपव्यय धनिक वर्ग को त्रस्त कर रहे हैं ।-
आज के दौर में कपड़ों का बड़ा ही घटिया तरीका पहनने का हो गया है फटी जींस इतनी महंगी आने के बावजूद पहन रहे हैं क्योंकि कि आप खुद खरीदने जाते हैं डिमांड बढाते हो तभी कम्पनी बनाने लगती हैं जब आप खुद खरीदोगे तो डिमांड अपने आप कम होगी और थोड़े दिन में आना बंद हो जाएगी लड़की भी आज ऐसा टाप पहन रही हैं कि शरीर के अंग दिख रहा है कोई हम लोग फिल्मों की दुनिया से नहीं हो फिल्मों वाले का पेशा है जिस फिल्म की टिकट लेकर वाहवाही खुद करते हैं कपड़े से हमारे संस्कार बनाते हैं हम यह नहीं कहते घूंघट मारो साड़ी पहनो लेकिन जींस से लेकर गाउन सूट सभी पहने लेकिन शरीर का अंग मत दिखाओ लड़के लोग भी जो फैशनेबल है उन पर नीचे पढें मैंने अपनी भावनाएं लिखीं हैं कोई पर्सनल न ले।।
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फैशन डिजाइरो की माँग आजकल बड़ गयी है!
क्योंकि हर तस्वीर अलग लिबास माँगती है!
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