✨✨इच्छाएँ एवं अपेक्षाएँ✨✨
इन राहों पे कहीं मिल जाएँ कई
जो कुछ सिखाने वाले हों।
देकर वो कुछ भी न जाएँ भले ही
गरीब सही पर दिलवाले हों। ...(१)✍️
जीवन की पगडंडियों पे पड़े
गुमगश्तों को राह दिखाने वाले हों।
कुछ खोकर हारने नहीं बल्कि
ठोकर से सीखने सिखाने वाले हों। ...(२)✍️
जोरों की आंधी में काबिल बन
कुछ करने को आगे आने वाले हों।
क्योंकि निरंतर सीखना जो है मुझे
तो कोई वो जो ये बताने वाले हों। ...(३)✍️-
पथ प्रदर्शक बनो अपना
गर पूरा करना है,वाजिब सपना
रहबर की सलाह भी,जरूरी समझो
सही मंजिल को पाने,तुम्हें पड़ेगा तपना
दुनिया और बाजार तो,सलाहों का व्यापार
सही रहबर को खोजो,कुछ सुनो अपना
अपनी नौका के,खुद ही मांझी बनो
थामो पतवार ओर पूरा करो सपना
गुरमीत
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सत्य और निर्भीकता की ज्योति
जिसने करी थी प्रज्ज्वलित
भारतीय संस्कृति के सम्मान को
जिसने बनाया विश्वव्यापी
सांसारिक मैल ना कभी छू पाया
जो रहा कीचड़ में कमल जैसे
न मोह रहा कभी देह का, ना माया का
वो युवा संन्यासी ओजस्वी था कर्म से
था निर्लिप्त इंद्रियों के जाल से
युवाओं के प्रणेता को
शत शत नमन.....
कोटिशः नमन....
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लिपट रहें हैं विषधर जिसमें उस चंदन का मौन हूं मै,
ख़ुद में खुद को खोज रहा हूं अब मत पूछो कौन हूं मै।-
अपनी राह खुद प्रशस्त कर
दूसरों की बातों में न पड़
स्वंय पर विश्वास कर
बिना रुके,बिना थके आगे बढ़
सफलता के नए आयाम गढ़
सार्थक करो हर एक सपना
पथ प्रदर्शक बन अपना-
अंधेरे में जलने वाले उस दिपक की तरह होता है
जो स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी प्रदान करता हैं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏-
जितनी शक्ति विश्वास में होती है
उतनी ही शक्ति अन्धविश्वास में भी होती है
विश्वास और अन्धविश्वास के
बीच का मुख्य अन्तर यही है कि...
विश्वास हमारे लिए मार्ग दर्शक बनता है
जबकि अन्धविश्वास हमें पथ भ्रष्ट करता है...!!
🌷आपका दिन शुभ हो🙏🌷-
उत्तम लेखन आपके विचारों की अभिव्यक्ति का दर्पण होता है।
पथ प्रदर्शक लेखन वही करते हैं जिसमें समाज के प्रति समर्पण होता है।।-
स्वयं का मार्ग निर्मित करें
ये मोड़ अवश्य भटकायेंगे
परन्तु मन को विचलित होने न दें
समय देख अर्जुन बने जो लक्ष्य निर्धारित करते हैं
स्वयं में कृष्ण को ढूंढें जो गीता विस्तारित करते हैं
भावनाओं पर नियंत्रण कर परिश्रमी ,योगी बनें
तुलना किसी अन्य से न करें स्वयं के प्रतियोगी बनें
प्रतिदिन स्वयं को तराशतें रहे
एक समय अपने लिए निश्चित करें
त्रुटियों पर पाश्चाताप करना अत्यंत सरल है
हो सके तो उन्हें अपना कर प्रायश्चित करें
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पथ प्रदर्शक बन के खुद का,सही राह पर चलना
कोई राह भटके तो तुम उसका मार्गदर्शन करना
माता-पिता, गुरु से जो सीखा जीवन में आज़माना
पथ प्रदर्शक बन के सच्चाई की राह पर तुम बढ़ना
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खुद से बेहतर मित्र नहीं कोई
सच कहती हूं मानें बात हर कोई-