सुंदरता को कै़द करके मैंने रख लिया,
जिस शहर में सालों रह कर आयी थी।
वहाँ के समुद्र की लहरों से खेल लिया,
प्रकृति के खूबसूरत नजारे कै़द करके
मैंने अपने सफर को सुहाना बना लिया।
✍-
मुश्किल है सफर किन्तु सफर जरुरी है।
उम्र हो रही पर सफर करना मजबूरी है।
मैं कल ही तो सफर से लौटकर आयी थी।
यादों को मोबाइल में कैद करना जरुरी है।
✍-
डर के आगे जीत हो
ये भी जरुरी नहीं है।
क्या पता हार हो या
मौत हो ये भी पता नहीं
पर डर डर के जीना क्या?
कल क्या होगा सोचना क्या ?
✍-
करते हैं दिल को दिवाने
इन गीतों को बने हुए जमाने
फिर भी नहीं लगते मुझे पुराने
🎼
पुराने गाने ही मन को भाए
उन्हें सुन के दिल कहीं खो जाऐ
मोबाइल में पुराने गाने जब होगें तो
लम्बा सफर भी आसानी से कट जाए।
✍-
चाहतों का मजा़ कहीं सजा ही ना बन जाए,
ख्वाहिशों से कहीं जेब ही ना खाली हो जाए।
दिल के अरमान सभी के पूरे कहाँ हो पाते हैं?
चाहतों के दलदल में जि़न्दगी ही ना बीत जाए।
✍
चाहतों का सिलसिला ठीक नहीं,
इनको रोकना मुश्किल भी नहीं।
-
स्नेहिल सुप्रभात आप सभी को
विशाकापट्टनम घूमने आये हैं..
इसलिए आना नहीं होता YQ पर
🍃✍-
मेरे पिता हैं महान
माँ तो महान होती ही है पर
पिता और भी महान होते हैं।सारा भार
पिता का ही होता है। खासकर बच्चों के
लिए पिता ही सारा आसमान होते हैं।
पिता लोग अपने लिए नहीं सोचते बस
अपने बच्चों के लिए परिवार के लिए ही
खुशियाँ बेशुमार देने की सोचा करते हैं।
✍
-
मेरे पिताजी और मैं मेरी फोटो 6 साल पुरानी है।
मेरे पिता जी कहते थे,जो मिला उसी में खुश रहना सीखो
अपनी ख्वाहिशों को लगाम दो किसी की देखा देखी ना करो
अपना काम स्वंय करो,किसी से कभी भी आपेक्षा मत करो
अपनी भूख से कम खाओ,और हर काम को वक़्त पर करो।
✍
पिताजी की बातों को अमल किया जि़न्दगी में
मैंने अपने बच्चों को भी अमल करना सिखया।-
पिता का साथ नहीं रहा अब
लगता है,वो सदा आस-पास हैं मेरे
पिता जब थे वो सारा आकाश थे मेरे
अब वहीं से आशीर्वाद सदा देते हैं मुझे
उनके विचारों को जि़न्दगी में अमल करती हूँ।
वो आदर्श हैं मेरे,रहनुमा हैं,वो भगवान हैं मेरे।
🌹🙏🏻🙏🏻🌹-
मेरे मन के बगीचे में शब्दों के ढे़रो फूल खिले हैं।
उन शब्दों को यहाँ लिखने से ही हम सभी जुडे़ हैं।
✍-