कोई सच अगर वक्त पर न बताया जाए तो वो झूठ बन जाता है।
✍️सही कहा किसी ने-
कुछ ज़ख्म ऐसे थे जो अपनों ने दिए
गैरों के अपनेपन ने सारे जख़्म भर दिए
ज़ख्म ऐसे कि निशान आज तक मिटे नहीं
ज़ख्म देने वालों को देख के हम मुस्कुराते नहीं
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डर नहीं लगता पेड़ के आखिर तने पर बैठकर
पंछी दाना पानी खोज निकालते हैं उड़ उड़ कर
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जीने के लिए जद्दोजहद में हर कोई लगा हुआ है!!-
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काम आएगा तो सिर्फ़ आपका कर्म
हमारे साथ आएंगे सिर्फ हमारे कर्म
जैसे बीज बोओगे वैसा ही फल पाओगे
पीछा नहीं छोड़ते मरने के बाद भी कर्म
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सोचती हूँ इन्सानियत से बढ़के कोई धर्म नहीं,
बुरे कर्मों का फल चखने से हम बचेंगे भी नहीं!!
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स्नेहिल सुप्रभात आप सभी को 💐-
बदलते दौर में अब मोबाइल
से तस्वीरें लेना,रील बनाकर
सोशल मीडिया पर साझा करना
आसान हो गया है।एक जमाना
था कैमरे में रील डालना फोटो
स्टूडियो जाकर रील देना फिर
फोटोग्राफ का इन्तजार करना
आते ही घर में सभी लोगो का
पहले फोटोग्राफ लेकर देखने के
लिए उतावला होना याद आता
है। तब कैमरा गले में लटकता था
अब मोबाइल सदा हाथ में रहता
है और कभी खो भी जाता है तो
समझों सारी फोटोग्राफ भी गयीं।
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उड़ान भरते ही खाक हो
जाएंगे यात्रियों ने सोचा क्या?
हे ईश्वर क्यों इस तरह मौत की
आतिशबाजी की आसमान में
तुम्हारे पास जवाब है क्या?
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कोई किसी का दर्द न जाने
ख़ामोशी को कोई न पहचाने
शोर की उम्र जरा कम होती है
ख़ामोशी तो सदा बहार होती है।
दर्द छुपा के हंसने वाले लोग भी
समुद्र किनारे अक्सर आते बहुत हैं!!
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खुद के लिए भी वक्त नहीं देते हैं
ज़िन्दगी के जद्दोजहद में जीना छोड़
खुद का ख्याल रखना भी भूल जाते हैं।
सुविधाओं के बावजूद सुकून से नहीं रहते
औरों की देखा-देखी करने में उम्र गुजार देते हैं।
ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं होता ये जानते
हुए भी हिसाब-किताब में लगे रहते हैं,एक दिन
सब कुछ यहीं छोड़ कर चल देते हैं। ज़िन्दगी को
हर हाल में खुश हो कर जीना चाहते हुए भी
हिसाब-किताब में ही हम वक्त क्यों गुजारते हैं पता
नहीं?
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प्रेम ज़िन्दगी का सावन है,
प्रेम से रिश्ते मनभावन हैं।
प्रेम बिना जीवन फीका लगे।
प्रेम है तो ये जीवन मधुबन है।
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स्नेहिल सुप्रभात आप सभी को 💐-