रिश्तों में मिठास रखा
दिलों में एहसास रखा
रूठे रिश्तों को मनाया
ऐसे घर को बचा रखा
ज़िन्दगी खूबसूरत है!!
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कभी कभी आना नहीं होता लिखना,पढ़ना होता ही नहीं
व्यस्त,व्यस्तता इतनी कि आज आप सभी को पढ़ नहीं पायी
मेहमान नवाजी में शनिवार और रविवार की सुबह-शाम बीत गयी
अनुप्रास अलंकार युक्त रचना द्वारा आभार आप सभी का दिल से!!
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ज़िन्दगी के कुछ कोरे पन्ने कितने बाकी हैं कुछ पता नहीं?
ईश्वर उन पन्नों पर क्या लिखना चाहता है मुझे पता नहीं?
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अपनी नीयत साफ रख
कर्म की गठरी साथ जाएगी
इस बात का सदा ध्यान रख
अच्छे कर्म कर न कर मर्जी तेरी
पर बुरे कर्मों को करने से जरूर बच!!
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अपने सपनों के बारे में
हर वक्त औरों को बताया न करें
बस अपने सपनों को साकार करके
आप दिखाएंगे तो बेहतर होगा!!
✍️स्नेहिल सुप्रभात आप सभी को 🌹🌹-
गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे
✍️निदा फ़ाज़ली-
प्रेम ही जीवन का आधार है
प्रेम ही तो जीवन का सार है
सीखा है कृष्ण के विचारों से
करते हैं कृष्णा आपका आभार
कृष्ण के विचारों का मुझपर
असर है आपार!!
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वहम और अहम ऐसे रोग होते हैं जिनका कोई इलाज नहीं,
जिनमें ये अवगुण हों फिर वो करते किसी का लिहाज नहीं!!
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ज़मीं पर घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं,
हमारी ख़ुश-नसीबी है कि हम भारत में रहते हैं!
✍️महशर आफ़रीदी-
गुलज़ार साहब के गींतो को सुनती थी कभी
उनके निर्देशन में बनी फिल्में पसंद थी सभी
अब धीरे धीरे त्रिवेणी लिखने की कोशिश जारी
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