वक्त वक्त की बात है, वक्त बड़ा बेदर्द।
मुश्किल में पराया लगे, खुशी में हमदर्द।।
जिंदगी में बहुत कुछ खोना पड़ता है।
कभी कभी हंसते हुए भी रोना पड़ता है।।
पर
अच्छाई और भलाई करते रहिए।
नेक इंसान की बढ़ाई करते रहिए।।-
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तब तक नियति प्यारी है।।
हमारा रहमो करम है, ये लोगों का भरम है।
होता वही है, जो विधि की लिखी कलम है।।
बस पालें न बहम।
स्वभाव रखे नरम।।
नेकी में न हो शरम।
सफल उसका जनम।।-
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सत्ता और बल से डर गई दुनिया।
कुछ भी छीना जा सकता है यहां,
क्योंकि मूल्यों से मर गई दुनिया।।-
पिता ही है जिसने अंगुली पकड़कर चलना सिखाया था।
पिता ही है जो इस जीवन को अस्तित्व में लाया था।।
पिता ही है जिसने दुनिया के अच्छे बुरे को दिखाया था।
पिता ही है जिसने नेक राह पर चलता बताया था।।
जिस्म मां देती है, पर पहचान पिता देता है।
खुद कष्ट सहकर, खुशियां तमाम देता है।।-
काश तुम समझ पाते, पिता के जज्बातों को।
उनके समर्पण, त्याग और नेक इरादों को।।
बाहर से कठोर और दिल की नर्म बातों को।
दिन की मेहनत और फिक्र में गुजारी रातों को।।
काश! हम समझ पाते पिता के भावों को.....-
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रिश्ते निभाते।।
रिश्तों को न जीता जा सकता है हरा कर, और न डरा कर।
रिश्तों को जीता जा सकता है निभाकर, और मुस्कुरा कर।।
परिवार का प्यार, रिश्तों में खुशियां अपार।
जो सुखदुःख के साथी, यही है सारा संसार।।-
Always Keep fly high
अगर आपके कर्म अच्छे हैं, तो आपका कोई कुछ नहीं कर सकता।
मुश्किलें लाख आए पर, मंजिल तक पहुंचे बिना नहीं रह सकता।।
भले न बन पाओ अमीर।
पर सदा जिंदा रखो जमीर।।-
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श्रम के साथ थोड़ा विश्राम भी कीजिए।
मंजिल के सफर का आनंद लीजिए,
अनुभव लिजिए और पैगाम दीजिए।।-
अक़्सर खयाल आता है, और ये दिल यादों में खो जाता है।
मन मचल उठता है, और तन है कि खामोशी से सो जाता है।।
पर
खयालों के आगे भी, एक सच्चा जहां होता है।
कितना ऊंचा उड़ाना है, ये रब को पता होता है।।-