आज इंसान को भगवान बना रहे हैं।
शायद भगवान को नहीं जान पा रहे हैं।।
आडंबर और पाखंड का पाठ पढ़ा रहे हैं।
अपनी पहचान की खातिर भीड़ बड़ा रहे हैं।।
भेंड़चाल इंसान, भीड़ का हिस्सा है।
सभी का लगभग एकसा किस्सा है।।-
मुश्किलें नहीं होती हैं स्थाई।
कुछ तो होती है अपनी बनाई।।
धैर्य संयम रख, हो सकती उनकी बिदाई।
गर ज़हन में पाला तो होंगी और दुखदाई।।
मन और कर्म इंसान की आदतें बनाती है।
और ये आदतें इंसान का भविष्य बनाती है।।-
वो इश्क न कभी आपका था न किसी और का होगा।
सच्चा इश्क वो हैं जो एक ही दिल की बढ़ाता हो शोभा।।
वो इश्क नहीं फरेब ही हैं, जो किसी एक का हो न सका।
उस सनम को क्या कहें, जो ग़म ये जुदाई में रो न सका।।-
जय जय श्री कृष्णा।
हरो दुख और तृष्णा।।
मुरली मनोहर ने प्रेम में मुरली बजाई।
पर धर्म रक्षा को सुदर्शन चक्र चलाई।।
ऐसे है प्रभु श्री कृष्ण कन्हाई।
मनोहारी छवि सबको भाई।।-
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तिरंगा जान है अपनी।।
ये तिरंगा स्वतंत्रता की पहचान है।
जिसमें महापुरुषों का बलिदान है।।
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स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि दूसरे के अधिकारों का हनन हो।
स्वतंत्रता का मतलब ये नहीं कि संस्कृति संस्कारों का पतन हो।।
स्वतंत्रता का मतलब ये नहीं कि बंधन और अनुशासन न हो।
स्वतंत्रता का ये मतलब नहीं कि कानून शासन प्रशासन न हो।।
Happy Independence day-
दूसरों की बुराई करके, खुद का किरदार अच्छा नहीं होता।
किरदार कर्म से बनता है, बुराई करने वाला सच्चा नहीं होता।।
इंसान को लालच और हवस ने अंधा बना दिया।
रिश्तों को भी कमाई और मजे का धंधा बना दिया।।-
, जीवन में आगे बढ़ने की।
मेहनत तो करनी होगी, फ़तह की सीढ़ी चढ़ने की।।
जो कमियां है उनको हटाना होगा।
अपने आप पे विश्वास जताना होगा।।
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आज कोई रिश्ता है न कोई सखा है।
लोगों ने खुद को एक दायरे में रखा है।।
आज के रिश्तों में विश्वास न बफ़ा है।
बस पैसों का खेल है कोई न सगा है।।
आज अपनों ने ही अपने को ठगा है।
आधुनिकता से रिश्तों का नहीं पता है।।
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, मिलजुल रहना।
ये रिश्ता पवित्र प्रेम का गहना।।
राखी हल्दी रोली चंदन है।
बहिन की रक्षा का बंधन है।।
स्नेह व सम्मान का प्रतीक रक्षाबंधन है।
देश की हर नारी का सम्मान ही वंदन है।।-