रोता-रोता चाँद को देखकर सो गया
वो पगला 'फ़िर' हसीन कल के सपनों में खो गया
- साकेत गर्ग-
सुनो !
आना तो गली के नुक्कड़ से मेरा दिल उठा लाना
कमबख्त वापिस ही नहीं आया था तेरे जाने के बाद।।-
लाेग कहते हैं
पगला है..नासमझ है
जाने दाे इसे..
यही है सुख..और दुःख..
नासमझ हाेने का..-
#मेरा दिल
जब कभी अकेले में बैठता हुं
तो वो मुझसे बातें करता है,
उसे पता तो सबकुछ होता है
फिर भी उदास क्युं हुं ये मुझसे पुंछता है।
जब कोई नहीं होता है मेरे साथ
तब वही मेरा साथी बन जाता है,
जब कभी उलझन में फसता हुं
तो मुझको ये समझाता है।
जब अपना कोई साथ छोड देता है
तब मुझसे पहले ये टूट जाता है,
पता नही फिर भी ये पागल
उसे ही क्यूं चाहता है।
मैं हमेशा उसे कहता हुं की
भूल गयी है वो तुम्हे
अब तुम भी भूल जाना उसे
पर ये पगला थोड़ी ही मेरी सुनता है।-
दिल मासुम !
हो या उम्रदराज़ !
इश्क़ में ये मायिने
नहीं रखता..!
इश्क़ उन्मत्त हैं,
कब किससे
हो जाएँ
यह अंदाजा नहीं होता..!-
ना जाने ए दिल...
तू से,
कब प्यार कर बैठा.
एहसास तो तब हुआ ...
जब उनकी एक झलक देखने को
नजरें बेताब होने लगा...-
तेरे यादों मे कुछ इस कदर खोए रहते हैं
पता नही चलता कब जागे कब सोए रहते हैं
मेरी मुस्कुराहट पे ना जाना एे मेरी प्रेयसी
हम चश्मा तले पलको को भिगोए रहते हैं-
तेरी चाहत का आलम आजकल है...
कुछ इस कदर,
'पगला-दीवाना' अक्सर बुला जाते हैं...
लोग मुझको..!!-
Life में struggle कर रहा हूं
छोटे, तेरी तरह हवाबाजी नही कर रहा हूँ!!-