Kailash Bansal   (के.सी.बंसल 'सहज')
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ये वो आसमां है झुकाये से नहीं झुकता,
मैनें खुद को बुलंद किया है कुछ इस कदर ...!!
Joined 28 October 2018


ये वो आसमां है झुकाये से नहीं झुकता,
मैनें खुद को बुलंद किया है कुछ इस कदर ...!!
Joined 28 October 2018
20 HOURS AGO

आये और आकर चले गये... ये तो कोई बात नही,
ख्वाबों मे तेरा आना इस तरह अच्छा नही लगता!

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20 HOURS AGO

इच्छाओं, आकांक्षाओ और आसक्ति से मुक्त होकर आत्मज्ञान प्राप्त करना, स्वयं को जानना, अपने कर्तव्यों को पहचानना , द्वंद्वों से मुक्त और आत्मस्थित होकर निष्काम कर्म करते हुए आनंदपूर्वक जीवन जीना ही मानव जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।

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2 MAY AT 22:37

गुलजार थी कभी जिंदगी मेरी.....
बिल्कुल अकेली हो गयी अब ये तेरे बिना,
झेले हैं साथ-२ तूफान अनेको....
तू ही बता कैसे मुनासिब है जीना, तेरे बिना,
खिला-२ रहता था दिल.....
अब भूल गया धड़कना भी तेरी यादों के बिना,
मजबूरी बन गई है अब ये जिंदगी मेरी.....
तेरे बिना, तेरी यादों के बिना।
जब तू भी नहीं तेरी यादें भी नहीं....
कैसे जी लें 'सहज' तेरे बिना, तेरी यादों के बिना।

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30 APR AT 17:59

रहने दे पनाहो मे अपनी,
जी लेने दे घड़ी दो घड़ी ।
यादो मे... एहसासो मे,
अब मुनासिब नही जीना।

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30 APR AT 17:54

क्यों आंखें फेर कर बैठ हो तुम, मैं क्या कोई पराया हूं,
तुम्हारे लिए आज मैं , रिश्ते-नाते सभी छोड़ आया हूं।
एक बार देखा तो लो क्या नाचीज तोहफा मैं लाया हूं,
चाह थी तुझे जिस गुलाब की वही सुर्ख गुलाब लाया हूं॥

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28 APR AT 21:45

(एक खत... तेरे नाम)
शायद तुम्हें मालूम हो,
मेरे ह्रदय के कैनवास पर अंकित है,
सिर्फ़ और सिर्फ.... तुम्हारा ही चित्र...!
मेरे स्मृतिपटल पर,
सिर्फ  और सिर्फ....तुम्हारी ही यादे....!

मेरे जीवन के हर पन्ने पर,
लिखी है दास्तान,
हमारे खट्टे मीठे अनुभव की...!
मेरी सांसो मे रची बसी है,
तेरे प्यार की खुशबू....!

मेरी आंखों मे बसे है
सपने हमारी मुहब्बत के....!
मेरी जुबा पे बस,
तेरा ही तेरा नाम है...!

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28 APR AT 21:22

आंखों ही आंखों में... बहुत कुछ कह देती हैं आँखे तुम्हारी,
तुम बोलो या ना बोलो बहुत कुछ बोल देती हैं आंखें तुम्हारी।

कभी लगे कोयल की भांति... गीत गाती हैं आँखे तुम्हारी,
बरसे ना बरसे बादल किंतु... बरस जाती हैं आंखें तुम्हारी।

ढूंढने निकले थे खुद को... पता बता गयी हैं आंखें तुम्हारी,
हमारी दोस्ती के राज, बिन कहे कह जाती है आँखे तुम्हारी।

रास्ते दिलों के गुजरते हैं आँखों से होकर
काश दे देती पनाह हमें भी आँखे तुम्हारी

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27 APR AT 19:31

होंठ मुस्कराते थे,
याद करके तुझे हर वक्त...!
कंपकपाने लगे हैं अब,
इंतज़ार करते करते....!!

पलकें जहाँ सजते थे,
सपने सुनहरी  .....!
बेजार हैं ऐसे,
आंसू भी रोके नहीं रुकते...!!

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27 APR AT 19:13

मत कर इंतज़ार उसके झूठे वादों का,
रोक लो ये आँसू बहाना बेगैरती पर....!

कब तक करोगे इंतजार बेरुखी का,
उठ खड़ा हो कि जिंदगी हसीन है बहुत..!!

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27 APR AT 18:59

आये हो जबसे मेरी जिन्दगी में तुम, बहारे छा गयी है चारो ओर झुमकर,
हर चमन गुलजार अब लगने लगा है, रौशनी भी छा गयी है... हर तरफ,
फूल रंगबिरंगे हर ओर... खिल उठे हैं, खुशनुमा बयार यूं है... बहने लगी,
ख्वाब सारे अपने से लगने लगे हैं, अरमानो को भी जैसे मिल गये हो पंख।

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