सोचता हूँ कुछ लिखूं
फिर सोचता हूँ की क्या लिखूं
प्यार है उस शख्स से
उसे नजरंदाज करना कैसे सीखू-
एक लेखक सा क्या दिख सकता हूं
आपके मार्गदर्शन का मै अभिलाषी हू... read more
दिन क्या थी रात क्या थी
पतझड़ सावन ग्रीष्म बरसात क्या थी
गमों की हैसियत क्या दूरियों की औकात क्या थी
यदि आप हमें समझ पाते प्रिय तो फिर कोई बात क्या थी
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बेशक चाहत गलती मोहब्बत मगर भूल है
गुनाहगार मैं तेरा गुनाह मुझे कबूल है
ये माना इश्क़ डगर बड़ी मुश्किल
मगर तू साथ तो काँटें भी फूल हैं-
धागा कच्चा पक्का है जिसका जोड़
भाई के कलाई पे रेशम का वो डोर
पड़ने नहीं देता कभी रिश्ता कमजोर
रक्षाबंधन का त्योहार सबसे बेजोड़-
सम्मान स्त्री के चरित्र और भावनाओं का होना चाहिए
सुंदर तो कोठे वाली भी होती है !-
एकाएक बहुत तेज आंधी मेरी ओर चली आ रही थी
एक पल को लगा सब कुछ खत्म।
मगर अगले ही पल हवाओं ने अपना रुख मोड़ लिया
पीछे मुड़कर देखा तो मेरा दोस्त खड़ा था।
Happy Friendship day-
कल तुझ से आज तुझ से
मेरे जीवन का राज तुझ से
तेरे बिन हर अल्फ़ाज़ अधुरे
सुर संगीत और साज तुझ से-
मैदान में जो उतर जाए
तो उनकी औकात नाप दे
कुत्तों के भौंकने से शेर
विचलित नहीं हुआ करते-
पुरे साल के बाद आज फिर से
वो शुभ घड़ी याद आई है
तुम्हारे ही बहाने रब ने
मेरी नेमतें सजाई है
Happy Birthday, my precious daughter.
❤️🎂🎉🎈🥳-