क्या लौट आयेंगे "वो दिन"
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Swapan Priya Parwaaz
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Joined 20 December 2017
12 APR 2022 AT 10:29
आ बैठे देहरी पर
कभी खिड़की से तकती हैं
रोज शाम तेरी यादें
मेरी पलकों से झरती हैं..
-स्वप्न उर्फ़ (एम.सोनी)-
27 SEP 2021 AT 15:32
वो जो आये रू-ब-रू मेरे..
इक तमन्ना जवाँ हुई
ज़िंदगी.. फिर
रवां... रवां हुई..-
15 SEP 2021 AT 23:22
ये रात
जैसे..
सोयी नहीं है
मुद्दतों से..
बड़ी काली हैं
इसकी आँखें..-
14 SEP 2021 AT 12:20
मैं मरना चाहता हूँ
लिखते लिखते प्रेम..
ताकि ज़िंदा रह सकूँ
किसी कविता में...-