ये रात किसी और की है
सितारे किसी और के
नजरों से तेरी जो देख रहा हूँ
नज़ारे किसी और के
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नज़राने तेरी नज़रो के, नज़र को नज़ारे बना गए,
यूँ ही तुमसे मिलने की ख्वाहिश थी की तुम सामने आ गए....!-
शांत तालाब की सतह पर,
जब सूरज की किरणें झिलमिलाती हैं,
वो तुम्हारी मुस्कान का अक्स है,
जो मेरे दिल को रोशन कर जाता है।
तुम्हारी आँखों में उतरता हूँ तो,
जैसे अनंत सागर में डूब जाता हूँ।
हर लहर, हर कतरा,
बस तुम्हारी मोहब्बत की दास्तां कहता है।
हवा में घुली ये मिट्टी की महक,
जैसे तुम्हारी बाहों में मिलने वाली वो राहत।
हर फूल की पंखुड़ी,
जैसे तुम्हारे प्यार का रंग बिखेर रही हो।
तुम्हारे पास, वक़्त ठहर जाता है।
हर सांस, तुम्हारे नाम की माला बन जाती है।
तुम्हारी हथेलियों की गर्माहट में,
जैसे पूरी कायनात सिमट आई हो।
ये पल, सिर्फ हमारा है।
जहाँ दुनिया का हर शोर थम चुका है।
बस रह गया है,
तुम्हारा प्यार, मेरा समर्पण, और अनंत का एहसास।
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सुना है..
नज़र को बदलने से,
नज़ारे बदल जाया करते हैं !
लेकिन,एक सच तो ये भी है कि..
नज़र को बदलने या ना बदलने से,
"सच्चाई" नहीं बदला करती !!
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~* ज़िद्दी नैना *~
बड़ी ज़िद्दी, है मेरी नैना..
इसके शौक भी तुम, नज़ारे भी तुम
इसके ख़्वाब भी तुम, इशारे भी तुम
तेरी यादों में कभी बन जाये दरिया,
गर मिल जाओ तो, किनारे भी तुम..
तेरी ही बाट जोहे मेरीे नैना..
बड़ी ज़िद्दी, है मेरी नैना..-
जब तेरी नज़र में ही रहा नहीं,
नज़रअंदाज़ हो जाना, जानाँ
तब कोई बड़ा गुनाह नहीं-
मन की कालिख साफ़ कर,
जब नज़रें उठाओगे..
हर ओर फिर तुम,
खूबसूरत नज़ारे देख पाओगे...-
नज़र के सामने हैं वो , नज़ारे क्यों भला देखूँ
कभी ज़ुल्फ़ें,कभी चेहरा,कभी क़ातिल अदा देखूँ
मिले हैं जब से वो मुझको ,रहे मदहोश मेरा मन
उन्हीं का अक्स प्यारा सा,हरिक शय में बसा देखूँ
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