मैं तुम्हें गुलाब नही दूंगी
दूंगी कई नीम के पौधे
जो वक्त के साथ मुरझाएगें नही
सिर्फ बढ़ेंगे
प्रेम की तरह
मैं नही दूंगी तुम्हें कुछ क्षण की खुशबू
दूंगी शीतल सदाबाहर छांव
जो रहेगी मेरे बाद भी
तुम्हारे बाद भी
हाँ, एक दिन समझ जाएगी दुनियां
बदल देगी प्रेम के प्रतीको को
कर लेगी सृष्टि से प्रेम
ये दुनिया
एक दिन।-
एक आवश्यक सूचना
मेरा विनम्रता निवेदन है
भारत सरकार और भारत के सभी राज्यों की सरकार से हमारे देश में जितने भी रोड हाईवे रोड है या बन रहे हैं उन सभी रोड की दोनों साइड में कुछ मीटर की दूरी पर नीम के पेड़ लगाए जाए रोड की साइड में जिस किसी के खेत जमीन या जगह है वह भी अपना सहयोग करें
नीम एक आयुर्वेदिक पेड़ है इसमें भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन पाई जाती है नीम के पेड़ की ऑक्सीजन बहुत बीमारियों से लड़ने में अधिक क्षमता रखती है ।-
🙋🏻♂️मैं नीम के जैसा कड़वा हूं,🥵
👰🏼तुम ताज़ी पकी मोसम्मी हो...🍊
😉मैं सोलह साल का लड़का हूं,😎
😘तुम दो✌🏻बच्चों की🤱🏻मम्मी हो...🤭-
मेरी कविताओं की पंक्तियों से
कही ज्यादा सुंदर है,
मेरे गाँव के चौराहे पर लगे
उस नीम की पत्तियाँ....
जैसे कवियों के मन में
उमड़ते है भाव वर्षों वर्ष
ठीक वैसे ही हर वर्ष उमड़
आते है उस पर वो
सफेद नन्हें फूल
( अनुशीर्षक में)-
जर्द पत्ते कब से राह देखें
कभी आओ तो सही
लिपटकर पांव से..रो लें!
कसैली नीम सी यादें
घनेरी छांव होती थी...
प्रीति
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देखूँ जो हर रात वो 'ड्रीम' बनी रहना
तुम मेरी जिंदगी का 'थीम' बनी रहना
ख़ुशियों की आजीवन 'स्कीम' बनी रहना
जाड़ों में मेरी 'कोल्ड क्रीम' बनी रहना
घोलती रहना जीवन में हमेशा मिठास तुम
संतुलन बनाये रखना, नीम बनी रहना-
नीम का फल भी आम सा लगने लगता है
जब नीम-इन्सानों से काम पड़ने लगता है-
बगिया में
नीम
बन देखा है हमने..
उम्र भर
छाव दी जिन्हें,
हक़ीक़त का स्वाद
चखाया जिन्हें
वही
‛कड़वा’
कह कर
काट गये।-
प्यार में ऐसे गीत सुनाना
अच्छा लगता है
चलते चलते फिर रुक जाना
अच्छा लगता है
तुम हो पहर की पहली शबनम
शोख बहारों सी
ऐसी ही तारीफ कराना
अच्छा लगता है
दिल ए बहाराँ प्यार का मारा
होता है कैसा
मेरा फिर तेरा नाम बताना
अच्छा लगता है
इश्क मोहब्बत प्यार की बातें
होतीं हैं कैसे
हमसे आकर पूछ के जाना
अच्छा लगता है
झूठ पे मेरे हंसते हंसते
देते हो ताने
Mirza जी कैसा ये बहाना
अच्छा लगता है-
हाँ नीम का पेड़
एक कॉल
और कुछ बातें...
गर्मी का मौसम
ज्येष्ठ की तपिश
और कुछ बातें...
कहा सूनी
रूठना मनाना
और कुछ बातें...
प्यार के क़िस्से
जो कुछ हिस्से
और कुछ बातें...
याद तो आती
वो मुलाकातें
और कुछ बातें...
भूल कर भी कैसे भूले.
वो ख़ुशनुमा लम्हें
और कुछ बातें...-