बाज़ार में आज कल सब्ज़ियों से ज़्यादा ,
लोगों की नियत ख़राब हो रही हैं |-
Brother's Day
नियत साफ़ है तो सारे दोस्त भाई ,
नियत में खौट तो सगा भाई भी दुश्मन।-
इंसान _में इंसानियत मरने लगी जब
पैसा ही इस दुनिया मैं करने लगे सब-
कितना भी पकड़ लो
फिसलती जरूर है😐
ये नियत है जनाब
बदलती जरूर है 😂
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अग़र कोई साथ रहक़र भी इरादा साफ़ ना कर दे,
फ़िर वो दोस्ती ही कैसी जो दोस्त को माफ़ ना कर दे।-
बच्चे कह रहे थे कहानी चालाक भेड़िये की
इधर डर रहा था मैं... कहीं पकड़ा ना जाऊँ।-
ज़रा लिहाज करो मेरा,आदमी नहीं हूँ मैं
बेटियॉ नहीं बोटियॉ नोंचता हूँ कुत्ता हूँ मैं-
मात्र मकान अच्छा होने से,
किसी की नियत का अंदाज़ा नहीं लगाते
कभी कभी टूटी छत वाले भी,
दिल जीत लिया करते हैं...!!-
लम्हा लम्हा ही जीते हैं
बूँद बूँद जहर पीते हैं
हुआ था चाक जिगर कभी
फाँके वही हम सीते है
गुज़र जाएगा ये कहर भी
बलाए ज़ालिम दिन बीते है
यकीं करें अब किस पर, 'राज',
बदली बदली सबकी नीयते है-