एक कोंपल ईंट की दीवार में फूटती देखी
जाने क्यों मुझे उसमे एक स्त्री नजर आयी।-
मैं संकल्पबद्ध और जीतूँगा,
यही ठान कर आया हूं।
तुम क्या समझोगे हस्ती मेरी,
मैं वास्तविकता सी माया हूं
तुम ढालोगे मैं ढल जाऊंगा
क्या मैं मिट्टी की काया हूं ?
तुम चलो, मैं निखर कर आऊंगा,
किरदार अपना मनचाया हूं-
"आशावादिता"
विश्वास को जन्म देती है
फिर चाहे वो
मन का अँधियारा हो
या...
जीवन पथ के कंटक
या...
विषम परिस्थितियों से
हारा मानव!
आत्मबल व इच्छाशक्ति
जन्म देती है
उज्ज्वल आशा को,
जिसका दामन थाम
दृढ़ता से आगे बढ़ने पर
हर मुश्किल
घुटने टेक देती है !!
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"सब मुझे ही देख रहे है,
पता नहीं क्या होगा"
के बजाय
" सब मुझे ही देख रहे है,
मुझे पता है क्या करना है"
वाले वाक्य पर ध्यान दो-
मैं, तुम और ये कैसा प्रेम!
कितनी ही बेवाकी से कह दिया तुमने,!
नहीं दूँगा अपने रिश्ते को नाम किसी के भी पास,
अगर हम एक ना हो सके तो तुम और जी नही पाओगी!
समाज के ताने बाने से बदनामी हो जायेगी |
एक बार भी तुमने ये नही सोचा....!!!
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दूसरों पर निर्भरता हमें
अधिकाधिक असहाय और दुःखी बनाती है।
मार्गदर्शन के लिए
सर्वप्रथम अपनी ही ओर देखें,
दुसरों की ओर नहीं।
हमारी सत्यता हमें दृढ़ बनाती है।
और हमारी दृढता
हमें हमारी लक्ष्य तक पहुँचाती है।-
ए "मन"....तेरे लिए एक चिट्ठी
"संकल्प से ही बनती है सृष्टि"
इस बात पर विश्वास कर के
बढ़ा अपनी दृढ़ता की शक्ति
इस फलोत्पादकता से सीख
छोड़ दो दुनियादारी दिखावटी
जो कुछ भी हो रहा उसे परे रख
जो चाहता है उसे बना कसौटी।
~जया सिंह~
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सपने देखो ऊँची उड़ान के
बाँहों में बाँधो हौसले।
पैरों को मजबूत टिकाओ
कर लो खुद के फैसले।
राहें कितनी भी दुर्गम हों
कितने विघ्न भले हीं आऐं।
कदम रुकें ना इक पल तेरे
चाहे जान पर बन आए।
सफलता चूमेगी पग तेरे
कोई न तेरा सानी होगा।
हर ओर विजय होगी तेरी
ईश्वर भी तेरा साक्षी होगा।-
अनुशासन करता है हमें संयमित
संयम से होते नहीं विचलित,
दृढ़ता हमें है देती हौसले
जीवन को करती आनन्दित....
🤗🤗-
मन में आशा हो तो
हर राह आसान हो जाती है!
ज़िन्दगी के सफ़र में
मुश्किलें तो आती जाती हैं!
हौसला कुछ कर गुज़रने का
मन में साहस जगाता है!
कोई राह का पत्थर
फिर राह ना रोक पाता है!
मन में जब 'दीप'
प्रज्वलित हों आशा के!
हर रास्ता अंधेरा,
रौशन हो जाता है!!-