तेरी ज़ुस्तज़ु तेरा ही ख़याल रहता है
तू मेरे दिल के आस पास रहता है
आंखे बंद की और देखा है तुझे
तुझसे मिलेंगे किसी रोज़
दिल का तार तार कहता है-
योरकोट पर प्रकाशित मेरी पहली किताब जिसमें मेरी लिखित शायरी,कविताएँ और ... read more
◆एक शे'र /
पुराने ख़यालों का है मेरा आशिक़
मिरे लब नहीं उसने चूमा है रूह को
Purane khayalo'n ka hai mera aashiq
Mire lab nahi'n usne chuma hai ruh ko
Bahar...122 *4
~आभा'दामिनी'
@writingsofabha— % &-
कुछ छुपते से
कुछ दिखते से।
कुछ सिमटे से
कुछ बिखरे से।
कुछ हँसते से
कुछ रोते से।
कुछ महके से
कुछ बहके से।
कुछ मीठे से
कुछ खट्टे से।
कुछ बासी से
कुछ नूतन से।
कुछ कल के थे
कुछ कल होंगे।
जी लो ये लम्हे
जी भरकर
कल किसे खबर
के हम होंगे-
मीठी थारी भासा लागे, साँचे थारे बोल...
दिल पतंग बण उड़ उड़ जावे,जद देखे त म्हारी ओर-
एहसासों के बिस्तर पर ,करवटें ले रहा ये मन
जमकर बरस रहा समां ,भीतर लागी है अगन
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◆मतला और शेर
ये दिल अपना किसी के नाम कर बैठे
ये बैठे बैठे हम क्या काम कर बैठे
सुकूँ था ज़िन्दगी में पहले ही थोड़ा
सर-ए-शब नींद भी नीलाम कर बैठे
सलाम-ए- इश्क़ के अरमान में हम तो
गली में उनकी दिन से शाम कर बैठे
~आभा
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◆◆परछाई
बेटी जब बड़ी हो जाती है
और खुद माँ बन जाती है
तो महसूस कर पाती है
माँ के भीतर की सीलन
उसकी आँखों की अनकही पीड़ा
बचपन मे उसके द्वारा दिया तमाम ज्ञान
जिसे एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दिया जाता था
वो सारी झिड़कियां जो तब दिल को कितना चुभती थी
समझ आने लगता है उनके पीछे का छुपा प्यार
'एक उम्र के बाद बेटियाँ माँ की परछाई हो जाती हैं'-
यूँ भर गए थे आँखों में आख़िर छलक गए
कम्बख़्त अश्क मेरे दगा दे गए मुझे-