हमें तुम कुछ भी कहते गर तो हम चुपचाप सह लेते,
लगा कर दाग़ तुमने इश्क़ पर अच्छा नहीं किया ।।
होश नहीं थे तब हमारे जब हम थे तुमसे मिले,
लगा गले किया जुदा ये तुमने अच्छा नहीं किया ।।
तुम्हारी हर बात मानी मैंने काश एक तुम भी मान लेते,
यू तन्हा छोड़ कर मुझे तुमने अच्छा नहीं किया ।।
था प्यार इतना तुमसे कि कम पड़ जाते सात जन्म,
करके बेवफ़ाई इसी जनम में तुमने अच्छा नहीं किया।।
ये एक ही जिन्दगी तो थी ख़ुशी से जी रहे थे हम,
तबाह कर इश्क़ में मुझे तुमने अच्छा नहीं किया ।।
जो तुमपे किया भरोसा था उसे जीते जी मार दिया,
जो बिन गलती सज़ा दी मुझे वो तुमने अच्छा नहीं किया ।।
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