Srishti Garg   (क़तरा)
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लफ़्ज़ों ने मुझे अपना लिया। ✨
Joined 30 November 2016


लफ़्ज़ों ने मुझे अपना लिया। ✨
Joined 30 November 2016
1 SEP AT 0:04

सुना है तुम चाँद से बतियाते हो,
मुझसे फिर जाने क्यों शर्माते हो?

रो पड़ना तो तुम्हारी आदत में नहीं,
फिर कैसे अपने मन को बहलाते हो?

चाँद के दाग़ों को नज़रंदाज करके,
खुदकी खामियों से क्यों घबराते हो?

खुदसे हमेशा खफ़ाहैखफ़ा से लगते हो,
आईने को देख फिर कैसे सहलाते हो?

तुम्हारा होना तो बस मेरे दिल में सीमित है
कोई पूछे पता तुम्हारा तो क्या बताते हो?

सपनों में आतेहैंजाते मुझे सताते हो,
सामने आ चेहरा क्यों नहीं दिखाते हो?

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28 DEC 2024 AT 10:54

बीज बो कर तुलसी के,
तुम बोले फूल खिला नहीं,

दिल लगा बैठे खुदा से,
और कहते हो मिला नहीं।

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27 DEC 2024 AT 12:55

मैं उलझी सी एक कली, तू मेरा चैन प्रिये,
मैं गड़गड़ाते बादल सी, तू सुकून-ए-रैन प्रिये|

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27 DEC 2024 AT 1:09

तेरी पेशानी, दर मेरा,
तेरे दिल तक, सफ़र मेरा,
भटक लूँ चाहे जहाँ भर,
तेरा होना ही घर मेरा।

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5 AUG 2024 AT 16:23

कभी कभी लगता है, ज़िंदगी ही मेरे बस की नहीं,
तक्लीफ़ों में मुस्कुराती हूँ, ख़ुशी में तो हँसती नहीं,
इंसानों के किए शायद मैं एक अतरंगी कहानी हूँ,
इस अटपटी सी दुनिया की तो बिलकुल लगती नहीं।

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16 MAR 2024 AT 1:03

दिन में धूप की तड़प मुझमें,
रातों में अंधेरों का सायां है।

जब रात को गले लगाया है,
तब चाँद का साथ पाया है।

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1 MAR 2024 AT 23:21

रोज़ ही सा ख़याल है
खुदके वजूद पे उठता सवाल है,

अपने अंदर नमी भरते भरते,
बर्बादी में मुस्कुरा रही हूँ, कमाल है।

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11 JAN 2024 AT 22:16

तेरा बहुत कुछ अब तक मेरे पास है,
तू मुझे सब लौटाने की परवानगी दे दे,

तेरा कण-कण सूत समेत वापस करती हूँ,
तू बस मुझसे छीनी हुई मेरी जवानी दे दे।

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25 NOV 2023 AT 0:24

वो चाँद को अब भी सताता तो होगा,
तारों से बातें कर मुस्कुराता तो होगा।

मान किया मुझे भूल चुका होगा अब तक,
चाँद उसे कभी मेरी याद दिलाता तो होगा।

कह कर चला गया की अब साथ नहीं हम,
हमारी कहानियाँ मन में दोहराता तो होगा।

हाथ की लकीर में चलो मान लिया वो मेरा नहीं,
अपने हाथ की लकीरें अक्सर खुजाता तो होगा।

वो कैसा दिखता था अब धुंधला याद है मुझे,
मगर मेरा सायां यक्सर उसे सताता तो होगा।

नींद से जीत कर सपने में हिज्र मानता तो होगा।
किसी और धरती पर वो मेरा कहलाता तो होगा।

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23 AUG 2023 AT 18:43

धरती पर चाँद ना लाकर,
चाँद पर धरती को पहुँचाया है,
मामा के चरणों में हमने,
भारत माँ का परचम लहराया है।

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