वह मेरी जीत थी या हार
इनकार था या इंतजार
शिकायत थी या मोहब्बत
क्या कभी खत्म होगा यह इम्तिहान
यह मिलो की दूरियां ख्वाब बनकर हमेशा सामने रहना
कुछ ना कह पाने का गम
है क्या मुझ में इतना बेशुमार सा ढूंढती हूं
तड़प रही मेरी सांसे महसूस करने को
एक अधूरा सा एक लम्हा इतना बेचैन करता
इन जज्बातों को अगर रिश्ते समझते
उन रिश्तो को संभालते हम यू न उलझते
क्या मांगू तो दोगे मुझे एक तेरा साथ मुकम्मल मेरी मौत तक-
कभी बरसात का मज़ा चाहो
तो इन आँखों में आ बैठो
वो बरसों में कभी बरसती है
ये बरसों से बरसती हैं-
तेरे जिस्म से मोहब्बत करेंगे ,,,,,,
तू एक बार बोल के तो देख ,
तेरे दोस्त भी बेवफाओं की-
कतार में होंगे ।।-
ख़्वाहिश कोई भी तेरी अधूरी ना रहे,
जिसे तू चाहे उससे दुरी ना रहे,
फूल खुशियों के इतने खिले तेरे दामन में,
तेरे लिए हमारी याद भी ज़रुरी ना रहे।-
ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मे हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे मे हूँ
अब भी दिला रहा हूँ यकीने वफ़ा मगर
मेरा न ऐतबार करो मै नशे में हूँ-
तुम जो भी चाहो जमाने से
तुम वो सब पा सकते हो ।
दृढ़ संकल्प और हिम्मत से
मरुस्थल में पानी ला सकतें हो।-
तेरी देरी तो सह लेंगे,
मगर तुमसे दूरी नहीं।
चाहत करो तो पूरी,
यूँ आधी अधूरी नहीं।
हमने चाहा है तुमको,
तुम भी चाहो जरूरी नहीं।-
चाहों तो दिल से हमको मिटा देना,
चाहो तो हमको भुला देना,
लेकिन......
वादा करो,
कि अगर आए जब भी याद हमारी,
रोना मत मुस्कुरा देना।।-
लालच करोगे तो हम कौड़ी ना दें,
दिल से चाहो तो हमारी जान भी ले लो-
आपकी खामोशी चुभती है हमे,
चाहे कुछ पल ही आवाज़ सुनाओ तो सही,
हमे आरज़ू है बस गुफ्तुगू की आपसे,
दो अलफ़ाज़ में कभी बातें कर जाओ तो सही,
आपका प्यार से चिढ़ाना पसंद है हमे,
शरारत में ही रहबर हमे सताओ तो सही,
आरज़ू है की बाँहों में भर लें आपको हम,
धीरे धीरे ही सही ज़िन्दगी में आओ तो सही,
इश्क़ ए एहसास बेपनाह है आपसे हमें,
कभी आप भी मुस्कुरा कर हमे चाहो तो सही II
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