Those who easily blame others for their mistakes forget that the one who will punish is watching everything from above.(god)
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And thats reflects in my words.
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किस मोड़ पर आ गई है मोहब्बत हमारी
आज न ही तुझे खोने की ताकत बची है
न ही तुझे पाने की है बेकरारी है।।
अब न तो तेरे बगैर जी सकते हैं
न ही तेरे साथ घर रह सकते हैं ।।
हर राह छोड़ दी है जो तकलीफें बढ़ाती थीं
जो तुझको मुझसे, मुझको तुझसे लड़ाती थीं ।।
हर बार कहा है आज फिर से कहना है
मुझे तेरे पास नहीं, तेरे साथ रहना है।।-
आज़ादी
मिल गई
पर संभाली नहीं
गुलाम आज भी हैं
अपने अपने विचारों में हम
अंग्रेज़ तो पराए थे लूट गए
अपने ही लूटे तो कहां जाएं हम
कुर्सी हमारी नेता हमारा ही तो चुना हुआ
और आज न आवाज कोई भी न उठाएं हम
गुलाम कल भी थे फिर हो गए कहा जाए हम
चलो चुपचाप आज फिर एक बार आज़ादी का ज़शन मनाए हम।।
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सफ़र बहुत अजीब है औरत का!
कहीं जाने के लिए पिता की इजाज़त से लेकर
पिता के घर जाने के लिए इजाज़त लेने तक।।...-
अंधेरों में परछाई साथ छोड़ जाती है
वहां तन्हाई साथ निभाती है।।
जब ये दुनिया शोर मचाती है
हौले से कानों में ये गुनगुनाती है।।
ये दुनिया हमे सुन नहीं पाती है
तन्हाई है जो दिल को समझ जाती है।।-