इश्क करे टूटे बिखर जाएं, इतने जरूरी तो नहीं हों तुम
कुछ तो है, जो कुछ नहीं तो, ये उठता सवाल क्यों ?
बहसबाज़ी का हल निकलेगा नहीं शायद,
मुस्कराओ और निकल जाओ तुम
इतने जरूरी तो नहीं हों तुम....
पूछती हूं एक सवाल न जानें किस से
मै बहुत कह चुकी जो है, कहना मुझे
जो समझना हैं समझो
अब समझना तुम्हे
सच कहूं........सुन रहे हो तो सुन लो
इतने जरूरी भी अब तुम नहीं.....
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