मुश्किलों की राह है पहचान लो,
लक्ष्य पाना है तुम बस ठान लो.
रोक तुमको ना सके बाधा कोई,
जीत जाओगे तुम इतना जान लो.-
Alone but not incomplete
😎
मैं कोई लेखिका या कवयित्री नहीं हूं, ब... read more
इस कदर बढ़ रही है
कि हमको तुम्हारी कमी खल रही है.
वो मिलना तुम्हारा college के बाहर
वो हसना हमारा तुम्हें देखकर फिर
यादों की जैसे नदी बह रही है .
कि हमको तुम्हारी कमी खल रही है.
मिलों एक दफा फिर करो वही बातें
दिखा दो न हमको हसीं फिर नजारे
धड़कन भी कुछ मद्धम चल रही है
कि हमको तुम्हारी कमी खल रही है.
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तुम्हें जो मिला है तुम्हारे ही कारण ,
तुम्हीं को लगी थी मोहब्बत की आदत.
वो देते थे धोखा तुम्हें और एक तुम,
किया करते थे उनकी दिल से इबादत.
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वो देखेगी आसमाँ में चाँद
और चाँद भी शर्मा जाएगा .
आज अपने प्यार के लिए
चाँद ज़मीं पे उतर आयेगा.-
इंसान दुःख दर्द तकलीफ वक्त के साथ भूल सकता है,
मग़र,
अपने साथ हुआ विश्वास घात कभी नहीं भूल सकता.-
और उन यादों में तुम.
दिन भर होती बातें तुमसे
और उन बातों में तुम.
भीगी भींगी सी ये आँखें
और इन आँखों में तुम.
सर्द सर्द सी थी वो रातें ,
और उन रातों में तुम.-
चलो माना कि हम तुम्हें पा नहीं सकते
मग़र चाह तो सकते हैं 😌-
घर घर लंका, जन- जन रावण, इतने राम कहाँ से लाऊँ?
द्रौपदियों की लगी है लाइन, इतने श्याम कहाँ से लाऊँ?
गृह कलह नित प्रति बढ़ती, द्वेष भावना नहीं है घटती,
पिता पुत्र में नहीं है पटती, प्रेम भावना नहीं पनपती.
प्रेम और सम्मान जहां हो, ऐसे धाम कहाँ से लाऊँ?
इतने राम कहाँ से लाऊँ??
बलात्कार नित नए अपहरण, रक्षक भी करते हैं भक्षण.
काम वासना के ये लक्षण, बुरी नियत से करते दर्शन
माता बहन और बेटी के कैसे रिश्ते आम बताऊँ?
इतने राम कहाँ से लाऊँ?
यद्यपि हैं MA Mcom ,हाथ हैं खाली नहीं है काम,
दिन प्रतिदिन हैं बढ़ते दाम, खाली दिमाग और शैतान.
बेरोजगारी है अभिशाप कैसे इसपर विराम लगाऊँ
इतने राम कहाँ से लाऊँ?
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