जिंदगी से अलग दिखती है तस्वीरे
नक़ाब में आदमी छिपता नहीं ।
गुरूर के साए में छाव भले हो
ख़ुर्शीद पे बादल टिकता नहीं ।
जमीन से जुदा लगती है जड़े
बाज़ार में ईमान बिकता नहीं ।
ख्वाबों की दुनिया पे ऐतबार भले हो
हकीकत से ख्वाब मिलता नहीं ।-
आशिक़ ना कहो,ख़ुद पर ग़ुरूर आ जाता है,
मोहब्बत में तुझे पाने का सुरूर आ जाता है।-
बहुत गुरूर है हमें उनकी इस बात पर,
वो मोहब्बत से ज्यादा इज्ज़त करते है हमारी।-
बहुत गुरूर था ना तुम्हें, की हम तुमसे दूर नहीं रह सकते,
लो आज वो गुरूर भी तोड़ दिया हमने और
पहले से बेहतर भी जी कर दिखा दिया।-
उन्हें हुस्न पर गुरूर है हमे इश्क़ पर
अब देखते हैं जीतता कौन है
-©सचिन यादव-
सम्भल कर चलना तक जिन्हें नहीं आता
वो भी अब हमें सीख दे रहे थे!
मांगी थी हमने फक़त मुहब्बत उनसे और
वो नादान हमें भीख दे रहे थे!!-
मिट्टी सी हूँ, मिट्टी सा राब्ता रखती हूँ,
ले गुरूर आसमांँ का, नजदीकियाँ न बढ़ाना !-
गुरूर सब को दिया होता है मालिक ने,
कोई मद में बेहोश होता है,कोई मालिक का नूर होता है।-
अश्कों को मुझे बहने नहीं देना हैं
मेरे दिल का भी यही कहना हैं मैं खामोश रहा कि
तमाशा ना बन जाए मोहब्बत कहीं तू यह
मान बैठी कि मुझे तुझसे कोई शिकवा नहीं-