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उस तारीफ के लिए
जो तारीफ मुझे
कभी नसीब नहीं ।
Punjabi ❤️
27 August 🎂
आगाज़... read more
मुकम्मल कर गया है अधूरापन मुझे
मैं इसे चूमता हूं तेरे होठों की तरह ।-
इक सितारे के आगाज़ का ज़माना याद है
तुम्हारा रोकर हमें हंसाना, वो हंसाना याद है ।
मिले-जुले किरदारों ने क्या खूब नाम कमाया
हसरतों की फ़िहरिस्त को और बढ़ाना याद है ?
तुमने ही तो समझाया था मुश्किल से कैसे लड़ना है
खुदकुशी कोई रास्ता नहीं, तुम्हे वो नज़राना याद है ?
जिसे देखकर सीखा हमने चाहतों को पूरा करना
हार से लड़ना फिर उठ जीना, तुम्हे वो समझाना याद है ?
खबरों में तुम्हारा नाम तो कोई मामूली बात ही थी
चौककर आंखों का रोना, तुम्हारा जाना याद है ।-
तिरे हाथों को चूमती हिना से जलन है मुझे,
इस बद-ज़नी में मेरा रंग इससे गहरा हो चला है ।-
जीता था जिंदगी,जो तेरे लिए हर पल,
जीने की वजह,बेवजह ढूंढ़ रहा है !
चाहता था जो कभी,तुझे हर पल,
ना चाहने की वजह,क्यों बेवजह ढूंढ़ रहा है!
डूबा रहता था जो,तेरे ख्यालों में हर दम,
ना याद करने की वजह,फिर बेवजह ढूंढ रहा है!
मिलता था जो कभी,तेरी गलियों में अक्सर,
ना मिलने की वजह,हर वजह ढूंढ रहा है!-
उसके फ़हम से देखे तो हिज्र में भी कुरबत है
मेरे नजरिए में उसकी ये प्यारी गलतफ़हमी है ।-