मैं घूम रहा हूँ, बेहतरीन पलों में।
मैं ढूँढ रहा हूँ, फिर उस छड़ों में।
मौसम के सलिल में, शरीर के तकलीफ़ में।
मैं सोच रहा हूँ-
तुम हो साँसों में अभी, मैं महसूस कर रहा हूँ।
तुम हो धड़कनों में अभी, मैं धड़के जा रहा हूँ।
कल के सवाल में, सवाल के जवाब में।
भूख के आभास में, शरीर के प्यास में,
थाल और गिलास में।
तुम हो अभी ?
मैं सोच रहा हूँ।
हाल में और बेहाल में, साल पुराने चट्टान में।
उससे बने क़ब्रिस्तान में, वहाँ उकेरे वो नाम में।
तुम हो अभी ?
मैं सोच रहा हूँ।
धूप के बर्दाश्त में, चाँद के गवाह में।
तुम मेरे इंतज़ार में, हो क्या परवाह में।
मैं सोच रहा हूँ।
तुम हो अभी ?
मैं पूछ रहा हूँ।-
Vishal Singh
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Joined 11 July 2019
4 JUL 2024 AT 16:49
21 SEP 2023 AT 0:05
फ़िज़ूल हैं हरकतें दिलों की,
फ़िज़ूल है धड़कना मेरा-तुम्हारा।
फ़िज़ूल मोहब्बत नहीं,
फ़िज़ूल है फँसाना मोहब्बत का।-
18 AUG 2023 AT 22:43
तेरे साथ बीते सारे किस्से याद हैं मुझे।
हाँ तेरे और मेरे दोनों के बराबर हिस्से याद हैं मुझे।
वो जो एक रोज़ पुरी करनी थी कहानी, उन क़िस्सों की, याद हैं मुझे।-
8 JUL 2023 AT 18:28
फ़िर इश्क़ के भाव बढ़ाए जा रहें हैं,
फ़िर इश्क़ संदूक़ों में छुपाए जाएँगे।-
28 JUN 2023 AT 0:41
नशा-नशा, बूँद से बूँद भरमाया ख़ुद को।
ना तुम सा कोई पाया, ना नशा हो पाया।-
19 JUN 2023 AT 20:12
बादल आ गए हैं, बरसात आएँगे अब।
शोर शुरू हो चुका है, तेरा आना कब !
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15 JUN 2023 AT 16:31
तुम शिकायतों का हिसाब लगाते रहना,
हम भी मोहब्बत की क़ीमत बढ़ाते रहेंगे।-
6 JUN 2023 AT 11:32
हाल-ए-बेक़रारी क्या ही कहे हम उनसे,
जिन्हें मोहब्बत में धड़कना काफ़ी न लगा।-