मोहब्बत के किस्से बड़े अज़ीब होते है,
कोई पास ना हो फ़िर भी ये बहुत क़रीब होते है..!-
लैला-मजनूँ, हीर-राँझे, को चलो भूल जाते हैं..
बेवफाई के कुछ किस्से हो, कुछ तेरे, कुछ मेरे हिस्से हो।
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चेहरे के पीछे कई चेहरे छुपाते हैं लोग
फ़िर भी ख़ुद को गुलाब बताते हैं लोग
ज़रूरत पड़ने पर इनका रंग देखा है क्या
उसी दिन अपना वो नक़ाब हटाते हैं लोग
मरने के बाद सब मुर्दे कहलाते हैं सुना था
यहाँ तो जीते जी गड़े मुर्दे उखाड़ते हैं लोग
पत्थर से मूरत बनते तो सबने देखा होगा
पर यहाँ तो दिलों को पत्थर बनाते हैं लोग
रिश़्तों की अहमियत क्या होती है पता है
वक़्त पर तो गधे को भी बाप बनाते हैं लोग
अल्फाज़ के मायने तो "कोरे कागज़" से पूँछो
कलम तो दूसरों के इशारे पर भी चलाते हैं लोग।-
कहते हैं वो कि खुश हैं बेहद, हमसे जुदा होके,
यकीन है मुझे, कि वो भी रंज कि गलियों से गुज़रे तो होंगे।
सुकून है कि ग़म और डर से ताल्लुक बना रहता है हमेशा,
कल को मेरे पास सुनाने को किस्से तो होंगे।
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International Tea Day
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चाय के किस्से से शुरू हुए थे,
नाज़ुक इश्क़ के सिल-सिले।-
तुझे पढ़ के वक़्त जाया करता हूँ
तुझे लिख के वक़्त जाया करता हूँ
किसी और को नहीं सुनाता तेरे किस्से
बस खुद को ही सुनाया करता हूँ-
टकराये थे गली में हम,
मगर वो मुँह मुझसे मोड़ गया
खुशियाँ मेरी छीन कर,
सारे ग़म मेरे हिस्से छोड़ गया
दुनिया की मिसाल बनाना चाहता था,
हमारी मोहब्बत को
मगर मोहब्बत के सारे चिराग बुझाकर,
सिर्फ किस्से छोड़ गया
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कभी पूछों तो,किस्से अपने सुनायें तुमे,
फ़ुरसत हो तो आ जाना कभी, गमों से रू-बा-रू करायें तुमे-
वो मौजूद है मेरे हर हिस्से में
मैं मौजूद हूँ उसके हर किस्से में-
छोड़ो भी अब इन हवाओं का पीछा करना
धोखेबाज है ये हवा
क़भी भी पलट सकती है ये...-