जानती हो ये धूप की रोशिनी भी बड़ी ही चालाक है,
हर लम्हें मैं ना जाने क्यों तुम्हारा दीदार करवा जाती है,
इतनी गर्मियों मैं भी कम्बख्त ये तुम्हारे जिस्म की ठंडक का एहसास करवा जाती हैं,
और ये सुबह-सुबह की ताज़ी हवा ओ हो बड़ी ही मासूम है,
ये मुझे गुदगुदा कर तुम्हारे होठों की याद दिला जाती है,
पता हैं एक बात जब तुम्हारी आँखें खुद मे पानी ले आती हैं,
तब ना वो मेरे हर मुस्कुराहटों पे आँशु फेर कर चली जाती है ...-
1 APR 2020 AT 20:00
16 SEP 2020 AT 11:58
कभी याद सताती है,कभी उनकी कही बात सताती है,
दिन तो किसी तरंह गुज़र जाता है,पर रात बहुत रूलाती है,,,!-
24 MAY 2020 AT 6:40
मेरी वफा को वो समझ ना सकी
हम उनकी राहो में नजरे बिछाए बैठे रहे
पा ना सके उनकी मोहबत
मगर उनकी यादो में खोए रह गए-
27 MAR 2019 AT 9:25
...उनकी तलब...
अब बंजारन सी हो गयी है ख़्वाहिशें उनकी,
किसी एक की वफ़ा अब उनको रास ना आती।-
6 MAR 2020 AT 23:58
जब उनकी इनायत पे न कुछ भी कहे पाऐ
तो ये हुआ कि आंख से आंसू निकल पडे-
10 MAY 2021 AT 4:48
घर से बाहर कॉलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली,
सारी गली उनके पीछे निकली,
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से,
और हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली,-
25 JUN 2020 AT 9:40
" वह इस तरह से ख़ुद को सजाती हैं ;
आसमां से रिमझीम -रिमझीम बारिश और
ज़मीं से ख़ुशबू आती है !! "-