savan kumar   (Savan Kumar)
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Joined 16 April 2020


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Joined 16 April 2020
9 HOURS AGO

Happy
Morning

Sunday
Morning

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27 MAR AT 8:25

As kids, we lived,
Together at home,
But now we share,
Memories on phone,

I remember my sis,
Your laugh and fight,
We shared our dreams,
What's wrong what's right,

We both grew up,
Nurturing each other,
You cared more,
Coz you are the elder,

I did mistakes,
You always ignored,
So that I don't cry,
You always ensured,

You have a big heart,
Not everyone has,
No one is like you,
As good as !!!

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30 AUG 2023 AT 1:31

Happy Rakshabandhan Namrata
You are a wonderful gift of my life
Thank you so much
to be part of my life
As an elder sister

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26 AUG 2023 AT 23:45

गुजारिस है तुमसे
चलो क्यों ना फिर ख्वाबो में मिलते है
चलो क्यों ना फिर एक दूसरे से
चाहत की बातें करते है
बेरंग होचुकी है मेरी कहानी
इसमें कुछ प्यार भरे रंग भरते है
कुछ बाते तुम करो कुछ हम करते है
खो जाते है इन हसीं वादियों में
वक़्त से आँख निचोली करते है
नशामंद की बातो में सबकुछ भुला
सुनो न फिर से गुफ्तगू करते है
चाँदीनी रातो को हमसे मिलना
हम तो बस तुम्हारे नैनो में दुबे रहते है
मानकर तुझको अपना रकीब
तेरे ख़यालातो में खोये रहते है
ना दवा काम आयी ना दुआ
हम तो बस तुमसे ही मोहब्बतें करते है
चिट्ठियां लिखा करते थे कभी जो हमको
अब वो नज़रे झुकाके बातें करते है
हजार पहरे लगा दिए दुनिया वालो ने
मगर रातो को तेरे बाहों में खोये रहते है

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5 AUG 2023 AT 21:15

Happy Sister's Day Namrata
Thank you for being a wonderful
sister of mine

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24 JUL 2023 AT 20:18

मक्खी को है मच्छर से प्यार
जैसे दिन को हो रात का इंतज़ार

जब रात है होती मक्खी न सोती
देख मच्छर का लहू से प्यार

मक्खी को ये हुआ आभास
लहू की कीमत मेरी जान से खास

जितनी चाहत लहू की तुझको
वैसी हे मेरी फ़रियाद ..

गर्म हुआ तो जीवन है ये
ठंडा पड़े तो शव के समान

ठंडी -गर्मी , दिन और रात
मक्खी -मच्छर , सीता -राम

एक के बल से दूजा चलता
एक -दूजे से चलता संसार

मेरा प्यार हुआ बेकार ,
खून का रिश्ता सच्चा यार ||

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23 JUL 2023 AT 20:52

शायद मै खुद को बदल नहीं सका
शायद वो मुझे समझ ना सकी
कभी उनसे मुलाकात ना हुई
मगर उनसे दूर होने की बाते होने लगी
सोचा था उनसे दिल की बाते कहुगा
मगर उन्हें भूल जाने की बाते
आम होने लगी
सौदा बोलू या बोलू चाहत
कभी था उनके नाम पर मरता
अब उनसे बेवफाइ होने लगी
कहावत कहु या इवादत
जो तुम भीड़ में खोने लगी
रहमत बोलू या बोलू आफत
जो तुमसे मोहबत होने लगी

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30 JUN 2023 AT 0:01

अन सुलझी पहेली
हो तुम
अनदेखी सहेली
हो तुम
ज़िसको अपनी य़ादो
मे छुपाया
वो अनोखी सुहेली
हो तुम

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3 JUN 2023 AT 8:48

इंतजार
(अंदेखा सफर अनोखा एहसास)




special poem for
special one

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24 MAY 2023 AT 12:06

Who is She ?

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