Ravi Ji   (Ravi Ji)
1.1k Followers · 39 Following

Joined 17 March 2020


Joined 17 March 2020
22 DEC 2021 AT 13:05

" लहज़ा उसका बता दिया
ख़ानदानी वो कितना था !
जज़्बा उसका बता दिया
जुनूनी वो कितना था !
पूजा तो सभी करते हैं
मंदिरों में ,
झुकना उसका बता दिया
इंसान वो कितना था !! "

-


19 DEC 2021 AT 23:13

" कुछ ख़्वाबों की क़ीमत ही मौत होती है । "

-


19 DEC 2021 AT 22:40

अब नहीं रुकता
आँखों से नीर का बहना !
ज़िन्दगी अब दो ग़ज़ ज़मीं मांगती है
लोग कह रहे हैं
तमाशा मत करो
ज़िन्दगी है बदलना !
सो तुम भी बदल जाओं
उन्हें कौन बताए
एक कान्हा का राधरस ,
ज़िन्दगी थीं वो मेरी !
ज़िन्दगी के बिना
कहाँ मुमकिन है
ज़िन्दगी का गुज़ारा करना !

-


17 DEC 2021 AT 18:44

" बेमौत मरते हैं वो लोग जो
मरना नहीं जानते !
अंतहीन दर्द सहते है वो लोग जो
बुरा बनना नहीं चाहते !
जब साथी साथ छोड़ दे
तो उसे माफ़ कर दीजिए !
यादों की गहरी खाईं में
दफ़्न हो जाते हैं वो लोग
जो भूलना नहीं जानते !! "

-


17 DEC 2021 AT 13:36

सरकारें यदि सभ्य होतीं
समाज का विनाश कैसे होता
समाज यदि सभ्य होता
सरकारे विनाशक कैसे बनतीं

-


13 DEC 2021 AT 11:56

शायद इसका यही हल था
इसलिए यही हुआ
पर जो अंत में हुआ
वो शुरुआत में क्यों नहीं हुआ

-


13 DEC 2021 AT 10:00

अगर की है तो ,
निभाया जायेगा !
प्रेम सन्धि थोड़ी है ,
कि दोनों का हस्ताक्षर कराया जायेगा !
तुझे हद में रहना है
रह ले ,
मुझसे ये जीवन तेरे बिना ना गुजारा जायेगा !

-


11 DEC 2021 AT 17:52

हिम्मत हिमालय दिलाती है
सम्बन्ध स्नेह दिलाती है
प्रेम परम् पवित्र पूर्णता दिलाती है
पर बुजदिली एवं कायरता एक
बेमेल बन्धन प्रदान करती है
जिसे आप ताउम्र एवं ताज़िन्दगी सिर्फ़ और
सिर्फ़ अपने सर पर ढोते
या बिस्तर पर बिछाते रहते है
एक निर्जीव वस्तु की भांति !

-


8 DEC 2021 AT 19:24

समुद्र का क़तरा - क़तरा सूख जाता है ;
जब विश्वास टूट जाता है !

-


7 DEC 2021 AT 18:59

इस अपार ब्रह्मण्ड में
पूर्णतः अंधकारमय में डूब जाता
न परछाईं दिखती मेरी
और न हीं यह कुरूप सूरत दिखती
पर आप तो मेरी यादों की
चारदीवारी की दिया हैं
जो हर शाम जलती है
और इस घर को
उजाला कर जाती है
ताप तथा तेज़ इतनी होती है
प्रत्येक रात की भांति
इस घर का रोम- रोम रात भर जलता है
अनवरत यह सिलसिला चलता ही जा रहा है...

-


Fetching Ravi Ji Quotes