रह कर अकेले....
बस रह गये अकेले-
रिश्ते-नाते सारे निभाने हैं आते
अपनों की भीड़ में
फ़िर भी हम अकेले हैं पाए जाते |
दुर-दुर तक नज़र आते हैं
जाने पहचाने अपने से साए ,
थक हार कर
हम फ़िर भी हैं मुस्कुराते |-
जनाब हमे मदहोश ही रहने दे
अगर जो होश में आये,
तो कहीं आपकी दुनिया, तबाह न हो जाये।-
हम तो आवाज़ उठाएंगे
चुप नहीं बैठ पाएंगे
कोई सुने न सुने
हम तो देशभक्ति का तान सुनाएंगे
भारत की फिर संस्कृति से पहचान कराएंगे
कोई बदले न बदले खुद को बदल जायेंगे
मतलब न जाने कोई हिंदुराष्ट्र का
हिन्दुस्तानी ही दुश्मन बने
हम हिंदुस्तान में हिंदुत्व जगाएंगे
कोई सुने न सुने
हम तो हिंदुराष्ट्र के गुण गाएंगे
क्रांति वीर नहीं हम
फिर भी नहीं क्रांति लाएंगे
कोई सुने न सुने
हम तो सच से अवगत कराएंगे
अधजल गगरी छलकत जात
हम गगरी पूरी भर दिखाएंगे
कोई सुने न सुने
हम तो आवाज़ उठाएंगे
देश प्रेम की नई ज्वाला अब तो जलाएंगे-
हर वक्त हम सफर.,
नहीं मिलते हैं...!
कुछ सफर"अकेले".,
तय करने होते हैं...!!
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एक दिन सब इतने अकेले हो जायेंगे
बस लिखते रहेंगे पर कोई न होगा पढ़ने वाला-
सुनो तन्हाई में रहना सिख लो,
औऱ अकेले चलना सिख लो,
जो हैं आज आपके साथ,
ज़रूरी नहीं कल भी आपके साथ हो!-
अकेले भी तो नहीं रहा जाता................
और एक तुम हो जिसे मेरा साथ पसंद नही...........-
इंसान की किस्मत कहां से कहां ले जाती है,
अगर इंसान किसी पर ट्रस्ट करता है,
विश्वास करने की कोशिश करता है।।
तो दूसरों को विश्वास दिलाने में जिंदगी गुजर जाती है, लेकिन उनको विश्वास नहीं होता।।
यह हमारी नहीं पूरे देश की समस्या हैं।।
खासकर उन लोगों को विश्वास दिलाना जिनसे रोज बाते होती हैं।।
यह तो एक जिंदगी का बिरंगाना है,
जो कोई भी इसको पार नहीं कर सकता।।
खुशी मनाओ जिंदगी का जो अकेले हैं, और खुश हैं।।
इस जिंदगी में इस पल में।।
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