ख़ुद्दारी गिरवी रखता हूँ, ज़मीर दूसरों को थमा देता हूँ
और ये दुनिया कहती है मैं पैसा अच्छा कमा लेता हूँ
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गुज़री हुई बातों को ख़ुद ही ज़िन्दा कर देगा
फिक्र ना करो ,,
तुम्हारा ज़मीर ही तुम्हें शर्मिंदा कर देगा!-
We are fighting two pandemics: Coronavirus & Inexorability
कालाबाजारी कर बीमार-मज़बूरो से अपनी तिजोरी भर रहे हैं
ख़ुद की ज़मीर मारे लोग इस आपदा में भी मुनाफाखोरी कर रहे हैं-
तुम्हें जब भी अपनी ज़मीर कमज़ोर दिखे,
फ़ौरन कुरेद दो उसे अपने ही क़लम से !!
تمہیں جب بھی اپنی ضمیر کمزور دیکھے..
فوراً کرید دو اسے اپنے ہی قلم سے !!-
Nahi rakhta koi raaz
Haqikat khol deta hai....
Sabko maalum hai ki
Zameer ka aaina sach bol deta hai..!!!-
हमारी शख्सियत की अहमियत वो क्या समझे,
जिनके ज़मीर की हैसियत दो कौड़ी की हो..-
नसीहत दी थी उसे हुक़ूमत दिल पर करो ज़िन्दगी पर नहीं...
इश्क़ का सौदा दिल से हुआ था 'ज़मीर' से नही...-
Galat karte hain insaan
Jo har ek se dil lagate hain...
Wafa karna jaante nahi
Aur mohobbat ko aazmate hain..
Sach or jhut ki parakh nahi
Bus khud ko sahi batate hain...
Zameer ko apne maar kar
Khudgarzi ko apnaate hain...!!!-
तफ़क्कुर-ए-लकीर की वाइज़ खूब देते हो हिदायत
तसव्वुर-ए-ज़मीर से वाक़िफ़ इधर काफी यकायक
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