~अलग दुनिया~
-
नाम आपने पढ़ लिया, पहचान बनाने की कोशिश में हूँ
सुंदर तो पैदा ही हुआ था, समझदार बन... read more
कुछ लोग रोने के इतने आदी होते हैं कि सिर्फ़ मुश्किलों को दुःख बताकर आँसू बहाने बैठ जाते हैं।
उन्हें ये समझाया जाना चाहिए कि रास्ते में पड़े भारी भरकम पत्थर को धक्का देकर हटाना मुश्किल मात्र है। वो दुःख तब है जब धक्का देने के लिए तुम्हारे पास हाथ ही ना हो।-
हो बात अगर बस ख्याति की
मैं ख़ुद ही पीछे हो जाऊं
विख्यात बनो तुम अमर रहो
मैं इतिहास बनूँ और खो जाऊं
-
उसे अल्हड़ मस्त बयार कहूँ
मौसम की कोई बहार कहूँ
लिख दूँ बरखा की बूँद उसे
सावन का पहला प्यार लिखूं-
काश..
मैं लिख सकता एक कविता
जो मैं हर रोज पढ़ता हूँ
अंतर्मन के अनकहे जज़्बात
जो मैं हर रोज सुनता हूँ
👇पढ़ें👇-
मुझमें और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही
मैं उसके फैसलों से तंग वो मेरे हौसले से दंग रही-
वो पेड़ बूढ़ा सही पर तेरी बगिया की शान है
आँधियों में खड़े कैसे रहना है उसे सब भान है
तू आज एक अलग पौधा बन कर खड़ा तो है
पर तू बीज उसी का है उसी से तेरी पहचान है-