Amit Mishra   (✍️Amit ('मौन'))
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Joined 5 November 2017


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21 JUL 2022 AT 22:09

~अलग दुनिया~

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19 JUL 2022 AT 23:48

उदासी

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5 AUG 2021 AT 23:05

【 साथ 】

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30 JUN 2021 AT 20:47

तुम थी तो सब कितना आसान था...

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6 APR 2021 AT 21:36

कुछ लोग रोने के इतने आदी होते हैं कि सिर्फ़ मुश्किलों को दुःख बताकर आँसू बहाने बैठ जाते हैं।

उन्हें ये समझाया जाना चाहिए कि रास्ते में पड़े भारी भरकम पत्थर को धक्का देकर हटाना मुश्किल मात्र है। वो दुःख तब है जब धक्का देने के लिए तुम्हारे पास हाथ ही ना हो।

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16 SEP 2020 AT 20:28

कहो कवि अब क्या लिखोगे ??

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27 MAR 2020 AT 10:39

प्रेम रस की कविताएं
शर्मीले प्रेमियों द्वारा लिखे गए
वो प्रेम पत्र हैं
जिन्हें पढ़ने का सौभाग्य
उनकी प्रेयसी को
कम ही मिल पाया।

इन्हें अक़्सर
दूसरे प्रेमियों ने
प्रेरणास्त्रोत के रूप में
उपयोग किया।

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11 DEC 2019 AT 22:21

पहले प्रेम की स्मृतियाँ भी
पुरानी चोट की तरह ही होती हैं।
जैसे पुरानी चोट का दर्द
बदलता मौसम देखते ही
बाहर आ जाता है
और मजबूर करता है
कराहने के लिए

ठीक वैसे ही
आस पास होने वाली कुछ घटनाएँ
यादों की बोरी को उल्टा कर के
उसके अंदर से कुछ पल निकालती हैं
और मजबूर करती हैं
या तो होंठों को बेवज़ह मुस्कुराने के लिए
या फ़िर आँखों से कुछ बूंदों का वज़न
कम करने के लिए।

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18 OCT 2019 AT 21:41

रण में कूद पड़े नारायण

(रचना अनुशीर्षक में)

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12 SEP 2019 AT 11:31

◆आत्ममंथन◆

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