चलो ना आज कुछ यूँ करते हैं
आगाज़-ओ-अंजाम के सिरे जोड़ते हैं
अच्छा! 'सा' से चलो शुरू करते हैं-
मेरे हर गीत की, तुम्हीं तो हो सरगम
बिन तेरे ओ सनम, गीत मेरे अधुरे हैं
मेरे अल्फाज़ों में, बस तेरा ही है जिक्र
तू शामिल नहीं तो, फिर ये कहाँ पूरे हैं
पा कर जो तुम्हें, मदहोश हैं हम 🎸🎶
हाँ धुन बन के ए सनम, तेरे गीतों में हम
कुछ इस तरह से, मैं तो समाती हूँ
होठों से जब भी, तुम इन्हें यूँ गाते हो
रूह से तेरी मैं ही, तो जुड़ जाती हूँ
पा कर जो तुम्हें, मदहोश हैं हम 🎸🎶
Sun💕L ⭐An🎵Prerna🖋️⭐-
मै सरगम लिखु, तुम गीत समझ लेना
मै हर्फ़ पङू, तुम ईश्क समझ लेना।
- - अभास
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जर्रानवाजी आपकी, हम तो बरसो दिल के देहरी पे खड़े रहे,
अब खोले द्वार तूने ओ जालिम,हमें खड़ा तो जमाना हो गया।-
तुम मेरे सांसो पर सरगम लिख दो ना मैं तुम्हें हर लम्हा गुनगुनाना चाहता हूं..
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मुक़म्मल हो नहीं पाया हमारे प्यार का नग़मा, कि
जब सुर ही नहीं मिले तो फिर सरगम कहाँं बनती।-
चूड़ियों की खनखन में
बारिशों की छमछम में
तेरा ही नाम सुनते हैं
दिल में बजती सरगम में।
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Tumhare hontho ka machalana jaise ,
Kudarat ka karishma hua ,
Jaise koi dheere se pani mein sargam baja Gaya-
मुदत्तो बाद तेरा मधुर सरगम स्वर सुना है मैंने
अरसे बाद स्वर्गीय सुख की अनुभूति महसूस की मैंने-