छोटे मेंढ़कों की फौज....
बंदर का था एक अपना बगीचा ,
गाता था वो हर रोज।
पकड़ कर एक दिन ले जाएगा तुमको
छोटे मेंढ़कों का फौज।।
बटेर था इंस्पेक्टर वहां का,
था उसका वहां बड़ा मौज।
एक दिन आ ही गया ऐसा
और आ गई वो फौज।।
पूरी बटालियन देख कर खुली रह गई,
इंस्पेक्टर साहब की चोंच।
बंदर ने फिर से गीत गाया,
ले गई मोटे इंस्पेक्टर को नन्ही सी वो फौज।।
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