वो पहले ही बिक चुके थे
जब हम कायनात ख़रीदने के काबिल बने
एक ज़माना गुजर गया
प्यार की औक़ात समझने में।-
The atoms of our lives are stories.
🐥 @shraddha_pawar7
📷 @shards_of... read more
बहुत दूर तक का सफ़र तय कर लिया है तुमने,
वक़्त हो तो कभी ठहर जाना
अर्श में बिखरे पड़े बादलों के भीतर
लेकिन ये मत कहना के
अब यहाँ अंधेरे से परे कुछ बाकी नहीं रहा|
मैं कहानी के उस हिस्से में
अभी भी हूँ
जहां खाली पन्नों पे गर्द टहलती रहती है
तुम्हारे एक नूर का इंतज़ार करते हुए|
क्यूंकि असल में कुछ ख़त्म नहीं होता,
कोई एक उस खालीपन का बोझ
ढो रहा होता है|
और यदि अंत ही सबकुछ है;
तो तुम हर रात अपने ही बदलते वजूद को
समेट लेना,
वहाँ तुम्हें खाली बादल,
कुछ बिखरे पन्ने,
और कहानी की पहली गर्द;
ख़ुद ही पड़े मिलेंगे|-
War, much like love,
blooms on the same battleground.
It either leaves you
dead
or lingers to wreak,
until it dies in you.
-
Pain swing ruthless summer
reaching winter hearts and back
dreading fall, even now.-
I know where you went long
before you vanished inside your names
of hundred and eight times
they asked but never answered.
I know how you found us,
a deserted sparrow glancing
through the windowsill
awaiting grass to rustle out of concrete;
perhaps a cattle, strewn across the street
until the air dries
choking the sea
with dust gathered in guts,
and rope around the necks.
(Continued in caption)-
शिकस्ता कलम ने कागज़ को क़ब्र बनाया
ता-उम्र लिखता गया जो कभी जी नहीं पाया
-
Love,
they say,
is like a magic trick.
The more you find out,
the less you believe in it.-
उसने मुझे ग़ौर से निहारा
और कहा
"तुम अब पहले जैसे नहीं रही"
यह सुनते ही मैंने कुर्बत से
ख़ुदमे झाँका
एक हरी पैरहन थी
जिसका आधे से ज्यादा हिस्सा
सिकुड़ चुका था
कुछ बच्चे थे
जिन्होंने दहलीज़ पर खेलते हुए
अपने मक़ाम का अंत देखा,
और उसके भीतर अपनों का
कल समंदर गुजर गया था
यहीं से,
जो आज सिर्फ रेगिस्तान है|
किसी और की वासना को
ढौलने के प्रयास में,
इन हाथों की लक़ीरें
माथें पर झलकी,
फिर कल वही नस्ल क्रांति-सी
महामारी की त्रासदी लिए
चौराहें पे लौट आयी
सबकुछ ठीक होने की आशा में,
धरती ने सूरज से हँसकर कहा -
"बदलाव ज़रूरी था"...-