बहुत खयाल रखती थी मेरा, वो सितमगर
तभी तो रुख इल्जामों का,अपनी तरफ मोड़ गयी वो।
मेरी तो सिर्फ सूरत,उसकी तो सीरत भी प्यारी थी
यूँ ही नही सबके आंखों का कफन ओढ़ गयी वो।
ना हो बेईमानी किसी गैर के साथ,मौका मिले सबको
ये कह कर उस रोज रिश्ता तोड़ गयी वो।
कुछ इस तरह से टूटते दिलों को जोड़ गयी वो
मेरे छोड़ने से पहले ही मुझको छोड़ गई वो।।
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कह दो ना जो भी कहना चाहते हो तुम कुछ दिनों से,
दूर ही तो जाओगे मेरे दिल से तुम
पर बेवजह किसी दूसरे की तुम जगह तो न लोगे।
हर बात पर रुठ जाते हो बताओ सज़ा कितनी दोगे,
तुम्हारे गुनाहों के बारे में पूछूँ अगर,तो वजह कितनी दोगे।
अरे तुम कहो तो सही, साफ-साफ एक एक बार ये कि,
नही मुकम्मल हो सकता है अब इश्क़ हमारा।
बहुत दूर चला जाऊंगा मैं तुमसे उसी पल,
अब हर बार तो नही कर सकता मैं इंतजार तुम्हारा।
तुम्हारे लिए तो खेल है आशिक़ बदलना
सच्चे प्यार का देखा ही कहाँ तुमने कोई नज़ारा।
क्या होगा मेरा,
ये सोच कर मत ज़ाया करना तुम थोड़ा भी वक़्त तुम्हारा।
अरे मैं उनमे से नही जो मान कर बैठे है यहां कि,
इश्क़ किसी और से नही हो सकता दुबारा।।-
उनका वक़्त बेवक़्त रूठ जाना भी जायज लगेगा,
खामोश रहोगे तुम,और उनका तुमपे बेवजह चिल्लाना भी जायज लगेगा।
कमबख्त इश्क़ चीज ही ऐसी है दोस्त,
कत्ल होगा तुम्हारा उनके ही हाथों,फिर पलट के उनका मुस्कुराना भी जायज लगेगा।।-
मैं भीड़ में अकेला हूँ
या पूरी भीड़ ही अकेली है ?
सवाल तो आसान लगता है,
पर जवाब खुद में एक पहेली है।।
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प्रॉब्लम कितनी भी बड़ी हो उसे शेयर हम मजाक में ही किया करते है।
हम गर्लफ्रैंड से ज्यादा प्यार अपने दोस्तों से किया करते है।
बताते नही कभी उनको ,पर वो भी ये खूब समझते है।
अजी हम लड़के है,
दिलो की बातें जुबाँ से नही करते है।।
उनकी गालियां सुन कर अक्सर सुकून से सांस भरते है।
पीटते रहते है हम एक दुसरो को हमेशा पर,
कद्र भी हम खुद से ज्यादा दोस्तों कि किया करते है।
बताते नही कभी उनको पर वो भी ये खूब समझते है
अजी हम लड़के है
दिलों कि बातें जुबाँ से नही करते है।।
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अच्छे अच्छे लोग यहां अक्सर बदल जाया करते है,
जब दुसरो के घर मे लगी आग बुझाते बुझाते
उनके कच्चे मकान जल जाया करते हैं।
बहुत तकलीफ़ देती है कुदरत उनलोगों को
जो वक़्त के सांचे में ,जल्दी नही ढल पाया करते है।
बस एक गुज़ारिश है ,ऐ दोस्त आज तुमसे
वक़्त रहते खुद को संभाल लेना,
भावनाओ में मत बह जाना
आग बस्ती की बेशक बुझाना, पर उससे पहले
अपने कच्चे मकान कि छत पे पानी डाल लेना।।
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वो उनके मूड सविंग्स थे ,समझ जाता तो शायद आज बात कुछ और होती,
पर बात इतनी सी है कि उस वक़्त ये समझ जाता इतना समझदार नही था मैं।
वादा तो किया था मैंने भी कि खुश रखूंगा हमेशा उसे,
पर सिर्फ खुशियां ही मिले जिस बाजार में,
वक़्त ने बताया वो बाजार नही था मैं।
बेशक रोई होगी वो दूर जाकर मुझसे,
पर सच ये है कि उस रोज गुनाहगार नही था मैं।
एक दिन पहले तक तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था,
फिर अचानक उसे लगा कि उसका प्यार नही था मैं।
बोला उसने कि पूछो जो पूछना है तुम्हे इस बारे में
पर इतना तो समझ आ ही गया था कि अब उससे कुछ पूछने का हक़दार नही था मैं।
चलो मान लेते है कि जो हुआ अच्छा हुआ अतीत में,
पर सच मे उस चीज के लिए कभी तैयार नही था मैं।
खैर कुछ अच्छा ही सोचा होगा उसने जाने से पहले,
आखिर पूरा किस्सा था सिर्फ कोई किरदार नही था मैं।।
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We all are walking on a simple street
Where guide is no one else, it's our greed.
It's like an endless battle of time vs need.
Where we think failure is our ultimate enemy and achievement is our inner peace.
Somehow we all are running for fame.
But deep down we all know, our destination is same.
Sometimes we stuck somewhere and reason is nothing , it's only
our deeds .
And then emerges out in our mind,
a temporary but dark black seed.
Then relax, calm down, Don't be afraid like a kid.
Actually nobody really cares for you,creep or run.
Matters only one thing here, is to have somehow a little bit of fun.
So just take out that seed, roll it like weed,
Smoke it out because you are no more a kid.
Yeah, it's true you are no more a kid.-
अगर ये हमें, डुबाती है
तो तैरना भी यही सिखाती है।
ख्वाइशों के खेल में
हमे अक्सर ये बड़ा नचाती है।
आज अगर ये चाहिए इसे
तो कल उसकी भी मांग उठाती है।
कभी जीत कर हराती है
कभी हार कर जिताती है।
पर दोस्त,जिंदगी हर बार हमें
एक नई सीख दे जाती है।।-
नगर के नजदीक
नदी में एक नाव पर
इसी नरलोक में
निडर सा एक नाविक ।
निर्यात के नशे में
नीले नदी में
नीलम को ढूंढता
निश्छल सा वो नाविक।
नियति के निर्णय में
निष्ठा दिखाता पर
निरश जीवन मे
नीरज खिलाता वो नाविक।
निराश है आज पर
निश्चय भी किया है
नित नीलम की खोज में
निकल जाता वो नाविक।।
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