Prag
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बस एक पन्ने पे ही लिखी थी कहानी और
बाकी सारे पन्ने खाली छोड़ के चले गये।
भाई का दुलार छोड़ा ,घर परिवार छोड़ा ,
बहन की राखी को भी तोड़ के चले गये।
दिखा नहीं प्यार तुम्हें उस बूढ़े बाप का भी
सब से तो जैसे मुह मोड़ के चले गये।
जैसे ही आवाज़ दी माँ भारती नें तुमको तो
छोड़ सगी माँ को तुम दौड़ के के चले गये।।
✍️राधा_राठौर♂-
ए तिरंगे बनी रहे तेरी शान
जिसके लिए हुए हजारों कुर्वान
तेरी मिट्टी में मिले है खून बिरो का
तू देश महान है बहादुर सिपाहियो का
तेरे तीनो रंग आसमान रंगे
जिसके लिए सैनिकों के खून बहे
फिक्र तुझे किस बात के
पाले है तूने बीर लाडले
तू सदा रहराता रहे
हर भारतीय का दिल ये कहे
तुझपे मिट गए वो मां के लाडले
जो पाले ममता के आंचल में
ना मांग सोने की ना ही चांदी की
जब भी मरे कफ़न मिले तेरे नाम की
ना आए तुझपे कोई आंच
रहे तू सदा आवाद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
कुछ इस क़दर वो मोहब्बत निभा गये
कि वतन को ही अपना मज़हब बना गये !
ओढ़ कर तिरंगों के कफ़न
हो गये कुछ इस क़दर वो दफ़न
कि करके क़ुर्बान ख़ुद को इस मुल्क के इश्क़ में,
भारत माँ की ज़मीं पर लाशें वो अपनी बिछा गये ! !-
Bewajah hi nahi wo apni jaan hai chidhkte Watan se mohabbat hai unhe or desh ko maa se kam nahi samjhte
🇮🇳♥️-
इश्क़ गर वतन से हो तो दमदार होना चाहिए
लहू का एक - एक कतरा यहां कर्जदार होना चाहिए।-
भारत का वो वीर जवान
जिसको करता देश सलाम
भारतवर्ष की वो है शान
हिंदुस्तान की वो है जान
उनके कर-कमलों के दम से,
ही है अपना देश महान।
भारत का वो लाल प्यारा
भारत का वो वीर जवान।
जान लगाते बाज़ी पर,
कि देश चैन से सोएगा।
उनके देशप्रेम की गाथा सुनकर,
हर कोई गर्व से रोएगा।
उनके शौर्य और हिम्मत से,
नहीं हैं ऊँचा कोई सम्मान।
भारत का वो प्यारा बेटा
भारत का वो वीर जवान।।-
मिला है सुकून भी मगर मुकम्मल नहीं मिला...
मरने के बाद भी सबको मखमल नहीं मिला...
जान नोच ली गई है अब तो सरहद पे उसकी...
शहीदी के बाद भी सैनिक को मेडल नहीं मिला...
लोटा मैं जब गाँव को तो मेरे होश उड़ गये...
बस्ती न मिली कोई अब वो जंगल नहीं मिला...
ख़ुदा की खेर कि बचे हुए हैं ये लोग तबाही से...
इनको क्यूँ अब तक गुनाहों का फल नहीं मिला...
रुसवाईयाँ छा गयी थी एक ज़रा सी बात पर...
हर पल जो मिला करता था वो कल नहीं मिला...
मौत तो मिली है हमको बड़े ही "शाद" से मगर...
उम्रभर क्यूँ हमें सुकून-ए-'अफजल' नहीं मिला...-
वो वीर बड़ा धीर खड़ा है,
ग्लवान में जिसे ललकारा है ।
हिम पथ पे शौर्य कि भांति,
जो चूमकर मिट्टी चट्टानों को गिराया है।
नतशिर हूं आज उस माँ कि,
जिसके शेरों ने सैनिक-गुंडों को धूल चटाया है।
हां, पराधीन था वो कर्तव्य पथ के,
बहा के लहू विश्व को जिसने लोहा मनवाया है।
अदम्य था उसका साहस,
अदम्य है उसका बलिदान,
भारत माँ के खातिर जो,
हो गया हर दिल अमर जवान।
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कहने को तो भारत के जवान है
पर हमारी वतन की शान है वो,
रात में चंद्रमा और दिन
में सूर्य के समान है वो।
शरहद पर परिन्दा भी पर न मार सके
इसी लिए वरदान है वो,
देश की रक्षा और हमारी सुरक्षा करने वाले
वीर जवान, हमारे लिए तो भगवान है वो।-