कुछ इस क़दर पूरा उनका वो इश्क़ हुआ,
अधूरा हुआ हमसे और किसी और से अधूरा हुआ।-
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत,
अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजा... read more
तुम्हारी यादे खुशी और तोहफ़ा आज भी सलामत है मेरे पास,
सिर्फ़ एक तुम ही हो जो अब मेरे पास नहीं हो।-
उसकी राह देख रहे थे हम और घड़ी ने भी अपना समय बदल लिया,
वो किसी और राह पर चल पड़ी और घड़ी की ओर देखने को कुछ ना रहा।-
जैसे इस साल एक साथ है होली और रमज़ान,
ठीक वैसे ही हुआ था तुम्हारा और मेरा मिलन।-
मैंने कहा था कि ऊपरवाले ने मुझे तुम्हारी ज़िंदगी में खुशियां लौटाने को भेजा है,
तुम तब तो नहीं मानी थी मग़र आज मेरी वो बात आज सही साबित हुई है।-
यकीनन मेरे बिना भी तेरा गुज़ारा रहा होगा ऐ दिलरुबा,
वरना किसी और के लिए कोई अपनी धड़कन को फ़ना नहीं करता।-
चाहा तो यही था कि ताउम्र अच्छाई का दामन थामे रखेंगे मगर,
कमबख्त ज़िंदगी ने बुराईयों के भी साथ रहना सिखा दिया हमे।-
मंज़िल को पाने के लिए कभी-कभी रास्ते भी बदलने पड़ते है,
क्यूँकि एक राह पर चलकर कभी-कभी मंज़िल हासिल नहीं होती।-
वो जान ही ना पाए औदा उस लड़की की चाहत का उसके अपने होकर भी,
और हमने उसके दिल में जगह बनाकर मोहब्बत की सभी हदो को हासिल कर लिया।-
और गिले शिकवे भी उन्हें हैं हमसे जो ईमानदारी से मोहब्बत निभा ना सके,
और हमने बेईमानी का दामन क्या थामा वो दग़ाबाज़ भी हमे आँख दिखाने लगे।-