QUOTES ON #सूखापेड़

#सूखापेड़ quotes

Trending | Latest
5 DEC 2021 AT 13:12

तो हरा भरा एक पेड़ कुछ ऐसे सूख गया
ना तूफ़ान ने किनारा किया ना
बारिश को तरस आया ।

-


9 MAR 2017 AT 6:24

खोजता है तेरा आलिंगन
हमारे प्रेम का सूखा पेड़
खोजता है तेरा वो चुम्बन
हमारे प्रेम का सूखा पेड़

सुनना चाहे तेरी धड़कन
हमारे प्रेम का सूखा पेड़
सूखा पड़ा है मन आँगन
और आँगन में सूखा पेड़

शायद तुम सब भूल गयी हो
कुछ नहीं भूला सूखा पेड़
अपने अश्रु से सींचता खुद को
फिर भी प्यासा सूखा पेड़

-


26 SEP 2020 AT 21:30

Apne MatLab Ke aLawa
Kon Kisi Ko
YaaD KarTa Hai...
_
_
Ae_DosTo
_
Ped Jab Sookh JaaTa Hai
To ParinDe Bhi
Basera Nahi KarTe....!!

-


10 MAR 2017 AT 20:25

सूखा पेड़ हुआ खड़ा हूँ,
नमी की तलाश में!
आकर छू जाए कोई परवरदिगार
धीरे से।

- सौRभ

-


21 SEP 2019 AT 21:28

दूर खेत किनारे एक सूखा पेड़ खड़ा
बंजर भूमि जैसा ही बंजर वो पेड़ पड़ा

जिसकी छाव में बच्चे खेलते थे कभी
टहनियों में उसकी झूलते थे कभी

जो बचाता सूरज की तपीस से हमें कभी
देता हर पल मृदु छाया बनता कभी पंछीयों का घर

आज वो खुद तरस रहा कोमल छाव के लिए
जर्जर हुई टहनियां अब टूट रही कर्कश ध्वनि लिए

अब कौन इसे सजाएगा ?
एक नई आस लिए इस सूखे पेड़ को
कौन जगाएगा?

-


9 MAR 2017 AT 1:53

आज सूख गया है वो
और पड़पोते की बारी है
न फल हैं देने को
न फूलों की क्यारी है
फिर भी वो बिना बोले तैयार है
काठ अपना किसी छत को दे,
और सींकों से कोई घोंसला बने

एक सूखे पेड़ की नहीं कोई अभिलाषा है,
हर पल छाँव देना ही उसे आता है ।।

-


3 DEC 2016 AT 6:07

अर्सों से बैठा है वो,
वहीँ जहाँ पर कोई नहीं आता ।
कर्मों से बना है वो,
किसी को भी वो नहीं भाता ।
आसरा देता है वो,
पर पानी नहीं माँगा कभी;
अटल रहता है वो,
जब तक साँसे नहीं थमती ।
उसके तख्तों से,
फिर तुम कुछ बनाते हो ।
टहनियों से सींक भी ले आते हो ।
उन्होंने बहुत कुछ देखा है,
पौध से असीम, और सीमाओं में विलीन,
दरख्तों का यही कुछ सलीका है ।
हमने उन्हीं से ये सब सीखा है ।

-


9 MAR 2017 AT 15:40

आज फिर हम दोनों साथ है,
वो बिन पत्ते बीज है,
मैं फिर उसका माली हूँ!

(Poem in caption!)

-


9 MAR 2017 AT 16:17

एक सूखे पेड़ ने आज ये सिखाया मुझे
की तुम्हारी हरियाली और ज़रूरत सिर्फ तब तक है
जब तक तुम्हारे अपने तुम्हारे साथ है ।
उनके बिना ज़िन्दगी वीरान सी हो जाती है
और लोगो को तुम्हे काट के हटाने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता ।

-


8 MAR 2017 AT 23:36

एक पेड़ पर बहुत से पंछियो का घोसला था
घोंसले में अंडे और फिर ढेर से बच्चे जो सारा दिन चींचीं करते थे।पेड़ को बड़ी असहजता महसूस होने लगी,उसे चिड़ियों का खुद पर रहना सहज नही लग रहा था।लेकिन कह पाना उसके लिए कठिन था।
शाम को हलकी हवा चली,पर पेड़ जानकार तेज हिला सारी चिड़ियों के घोसलें बच्चों सहित जमीन पर गिर गए।
चिड़ियों को जाने क्या समझ आ गया वो उसे छोड़ कर चली गईं।
अब पेड़ अकेला था,चारो तरफ शांति थी,कोई भी उसपर खेलने कूदने हँसी ठिठोली बातचीत करने वाला नही था,यही तो वो चाहता था।
पर पेड़ तो उदास था।उसकी मुस्कुराहट चली गई थी सभी चिड़ियों के साथ।
धीरे धीरे उसके पत्ते झर गये,वो मुरझाने लगा
अंततः सुख गया।
अकेला न होता तो शायद अब बी हरा भरा होता।
क्यों हम खुद को अपनों से जुदा कर लेते हैं?
क्यों हम किसी की कीमत उसके साथ रहने पर नही करते।
हमे उसे सूखे पेड़ से सीख लेनी चाहिए।
पर हम तो मनुष्य हैं,हम सिर्फ जरुरत पर ही सीख लेते या देते हैं।

-