रात इक थी, बात इक थी, इक था तेरा आशियाँ,
इक तेरी यादों के संग था मेरा भी अपना जहाँ!-
- Wordlust! 💙
Author. Ailurophile. Poet. Ark: the ... read more
शबों में रूह छिपाए फ़िरता हूँ,
अँधेरे का फायदा न उठा ले कोई।
छीन कर मुझसे मेरी आज़ादी,
अपनी खिड़की न सजा ले कोई।-
वो कहती रही- पापा, आज सोने दो,
कम से कम रोज़ की तरह अँधेरा तो होने दो,
मैंने दीवारों को भी उसकी आवाज़ में चीखते सुना है!-
ये शाम बड़ी रंगीन है,
कुछ रंगीनियत की हैं बातें।
कुछ बीते पल इज़्तिरार के,
और छटते बादल इंतज़ार के;
मैं आज इस शाम में,
भीग कर आया हूँ।
मेरा कल, हर पल,
इस आज की तरह मुस्कुरा रहा है।
मेरे हमराही जो नवाबों सा,
शौक लिये फ़िरना पसन्द करते हैं।
क्रमशः
-
तन्हाइयों से लिपटी मेरी उम्मीदें,
आज बेबस हैं।
कुछ खाया नहीं है दो दिन से,
भूख तो अब एक सपना बस है।
कभी मिलना हुआ परवरदिगार से,
तो करूँगा कुछ सवाल उससे;
कि क्या मुझे इतना लाचार छोड़ जाना,
और वापिस लौटने का वादा करके,
कभी लौट कर न आना!
क्या सही किया भगवन?
क्रमशः-
वो अंतर्मन के आँसू
वो आँखें चाँद चकोरी
वो नभ की अपनी मर्ज़ी
वो पल में बरसे मोती
वो मोती कितने मौलिक-
Those mists of rain burned my skin,
Your touch intified the burning desire within,
Soul wrenching lips of yours on my skin
You, me, our body changed the Colour of fire
The dark skyline turned black with desire
Finding for the beauty in the hue of our sapphire
I kept losing myself into the depths of your thighs
The lingering sound of moans and subtle cries
I slide through your curves to sense back the sighs
I crave for your flavour in the inside of just
For the love of you to wide spread the lust
I lean on yours hourglass figure,
to have a night intrust.
-
नैना प्यारी, सबकी दुलारी
नैना तू सबका जग है।
चाचा कैसे पलकें बिछाए
उनके प्यार पे भी तेरा हक़ है।
नैना तुझे हैं सब निहारे
जो इतनी न्यारी है तू।
पापा-माँ की मुस्कान लिए
जो इस जहाँ पधारी है तू।
नैना तेरी आँखें प्यारी
तू प्यारी है सबसे यूँ।
जैसे कोई चाँद रात में
चाँदनी बिखेर जाता है यूँ।
नैना नैना राज दुलारी
नैना तू है राजकुमारी।
नैना तेरी मासूमियत
दुनिया में है सबसे न्यारी।
- सौRभ-
उसकी चाल ही कुछ ऐसी चाल चल गई
होली का दिन था, आँखों में गुलाल मल गई
जाते जाते कह गई, बुरा न मानो होली है
नज़र घुमा कर देखा,
तो वो कन्या बेमिसाल निकल गई।
- सौRभ-