Gokul Upadhyay   (गोकुल उपाध्याय)
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Joined 25 August 2019


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16 JUN 2020 AT 17:27

ज़िंदगी और मौत में
बस
इतना सा अंतर है
ज़िन्दगी
जीने के हज़ारों अवसर देती है
और मौत
उन अवसरों को
छीन लेती है

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15 JUN 2020 AT 19:49

खामोशियाँ भी सदाएं देती है
गर कोई सुनने वाला हो तो!

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14 JUN 2020 AT 18:29

ज़िन्दगी भी ख़ामोश हो जाती है
जब मौत के आगोश में जाती है

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14 JUN 2020 AT 15:51

मन के आईने में तेरी तस्वीर को सजाया है मैंने
हर शाम सवेरे तेरे सजदे में सर झुकाया है मैंने
कही नज़र ना लगे मेरे यार को दुनिया की
तुझे ख़ुद की नजरों से भी छुपाया है मैंने

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14 JUN 2020 AT 10:53

प्रेम मन की वो अवस्था है जिसमें
दुःख में भी सुख का आभास होता है
अंधकार में भी रौशनी नजर आती है
सूर्य की तपिश भी चाँद जैसी शीतलता देती है
प्रेम का ना कोई आकार, ना प्रकृति और ना ही सीमा होती है
प्रेम तो बस आत्मा का परमात्मा से मिलन का एक मार्ग है
इसीलिये प्रेम में डूबे रहो।

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12 JUN 2020 AT 18:08

काश के तुझ पर
मेरा इतना हक़ होता!
तुम धूप में खड़े होते
और
मैं तुम्हें छाव देता।

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11 JUN 2020 AT 13:07

के जो तुम ना नज़र आते हो अब सितारों में
कुछ तो मुअम्मा है इन आसमानी नज़ारों में

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9 JUN 2020 AT 19:51

जो है भूखे रहने
को मज़बूर

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9 JUN 2020 AT 10:48

काश के अगर इश्क़ की भी शक्ल होती
तो दुनिया को दिखाता के
कितना सजाया है मैंने उसे दिल में

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9 JUN 2020 AT 2:00

शुक्र है इस बात का
भाषाओं का आपस में बैर नहीं
वरना मेरी हिन्दी ज़बान
उर्दू ना बोलती!

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