तुम करो पैरवी अपने इश्क़ की मैंने शिद्दत से मोहब्बत की है वकालत नहीं
गुनाह मैं रखकर तुझे बरी करता हूँ जा फिर ना मिलेगी ऐसी अदालत कहीं
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गर वकालत ही करनी है तो कहीं और जाइए
ये मुहब्बत है जनाब,
यहां यक़ीन के सिवा कोई सुबूत नहीं मिलता..!
گر وکالت ہی کرنی ہے تو کہیں اور جایۓ
یہ مہبت ہے جناب،
یہاں یقین کے سوا کوئی ثبوت نہیں ملتا..!
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कानून पता चला मुझे जब कटघरा हर पुतली मे दिख रहा था,
मेरे घर की होकर भी दहलीज ने परायों की वकालत की थी!-
हार जाता हूँ हर रोज तुम्हें भुलाने में,
ये रात भी तुम्हारी ही वक़ालत करती।-
वकालत मे दाखिला लिया जाएगा
सारे गुनाहगारो का पर्दाफाश किया जायेगा-
ढीठ जिंदगी फलसफों की, जो फ़िर रूखी मन की चाहत बन गई
इंसानियत फ़रेब क्या किया, फ़कीरी आदतें सारी वक़ालत बन गई-
जुनून की हर हद मुझे पार करनी है, हंसते थे वो जिस पर,
उसे पाने की जिद पूरी करनी है।
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जिसके चाचा का पेशा था वकालत में,
वो बोली मिलेंगे आपसे सीधे अदालत में।
भूल इतनी हुई हमने ले लिया उसे हल्के में,
ये सोचकर कि छूट जाएंगे मुचलके में।
हम भी थे वकील आखिर कैसे मान लेते हार,
अगले ही दिन कर दिया अपना जवाब तैयार।
जब चाचा गवाहों और सबूतों को संवार रहे थे,
तब वकील साहब उनकी भतीजी को निहार रहे थे।
ये दिल वादिनी की अदाओं का शिकार हो गया,
बदलती तारीखों के बीच हमें उनसे प्यार हो गया।
आकाश अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार गए,
मुकदमे के साथ अपना दिल भी हार गए।
अब ना कोई समझौता होगा ना कोई डील होगी,
इश्क़ और मुकदमे दोंनो की अपील होगी।-
✍️सुंदरता, फैसला, चट्टान, हुनर✍️
(✨.....सफेद भाग पहले पढ़ें)
वैसे तो वकालत में भी काबिलियत;
इम्तिहान में साबित करना होता है।
जैसी जिंदगी दिखती है वैसी है नहीं
सब्र, शांति से सब समझना होता है।
हुनर है तो चट्टानों को तोड़ राह बनाया जा सकता है।
जो आपमें हुनर है ही; बेशक इसे बताया जा सकता है।
चारित्रिक, व्यवहारिक, शारिरीक रूप से बड़ी सुंदर हैं आप।
औरों को ताकने की जरूरत नहीं, खुश रहिये न करें विलाप।
नोट: यहाँ पर मेरे कहने का तात्पर्य है, उत्कृष्ट चीजों के पास जरूरतमंद अवश्य आते हैं। अतः हमें बेवजह परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।-