कभी जज्बात के अक्षर कभी तस्वीर लिखता हूँ
कभी अपनी कलम से हाथों पे लकीर लिखता हूँ
मन्नतों और दुआओं की यहाँ लंबी कतारें हैं
तुम्हें तकदीर लिखती है मैं खुद तकदीर लिखता हूँ-
वो बेवफाई का मुझे ईनाम दे गई,
यादों की अपनी मुझको वो पैगाम दे गई,
मैंने कहा कि दर्द है दिल में तेरे बिना,
वो जाते जाते मुझको झंडुबाम दे गई।-
पहले दिल जोड़ देती है, फिर उसे तोड़ देती है,
इस तरह वो मेरी जिंदगी को नया मोड़ देती है।
ये आशिकों के दिल हैं या लिबास-ए-बाजार,
जो नया मिलते ही पुराने को छोड़ देती है।
भरोसा करता रहा जिस पर खुदा से भी ज्यादा,
ना जाने क्यूँ हर बार झूठ बोल उसे तोड़ देती है।
फिर जीने की चाह कहाँ रह जाती है यारों,
जिंदगी जब बेवफाई का कफन ओढ़ लेती है।
कभी नजर ना हटती थी मेरे चेहरे से जिसकी,
अब देखते ही मुझे अपना मुंह मोड़ लेती है।
कैसे लिखूँ अपने प्यार की कहानी "आकाश "
कलम जो उठाता हूँ वो स्याही निचोड़ देती है।-
बेवजह बेवफाओं को याद किया है..
गलत लोगों पर बहुत वक्त बर्बाद किया है..-
लौट आया कोरोना का ये कहर देखो,
लापरवाही करने का ये असर देखो।
रोती बिलखती आखों के नजारे हैं,
नजर उठाकर चाहे तुम जिधर देखो।
लड़ते रहे मंदिर मस्जिद के नाम पर,
रही न हमें अस्पतालों की खबर देखो।
जमीं न बची अब शमशानों में यहाँ,
चिताओं से सज गये हैं शहर देखो।
कैसे रहें वो घर में बता दे "आकाश"
हो चुके हैं जो यहाँ बेघर देखो।-
उलटे तवे पे रोटियाँ सिकती नहीं ज्यादा,
घटिया हो क्वालिटी तो वो बिकती नहीं ज्यादा,
इक सीख है मिली हमें कॉलेज के दिनों से,
दारू के बिना दोस्ती टिकती नहीं ज्यादा।-
अगर बैठे हो कुछ लिखने, तो ऐसा काम लिख देना,
जमाना झूम जाये बस, वही अंजाम लिख देना,
अगर दिल का रजिस्टर हो, तो इतना काम कर लेना,
रजिस्टर के हर इक पन्ने पर मेरा नाम लिख देना।-
जब तक आपकी Life में कोई vilen नहीं होगा,
आप अपनी life के hero नहीं बन सकते.....-
तू मेरे सवाल का जवाब है
पूरा हुआ वो ख्वाब है
मैं प्यार से पढ़ लूं तुझे
तू खुली हुई किताब है
तेरा रूप ये कमाल है
हाल मेरा बेहाल है
हिरनी सी तेरी चाल है
तू यार बेमिशाल है
तू दूध से भी गोरी है
शहर वाली छोरी है
चुरा लिया है दिल मेरा
और बोले क्या ये चोरी है
तू शायरा सयानी है
आकाश की दिवानी है
जिसे न कभी सुना गया
वो अनसुनी कहानी है
जनमदिवस की हो बधाई
देखो ये शुभ घड़ी है आई
देंगे तुझे खुशियाँ जहां की
हमने ये कसम है खाई
जो मेरे ही दिल में बसती है
उसे मैं कैसे न्यौता दूं
जो खुद ही मेरा तोहफा है
उसे भला क्या तोहफा दूं-
खुदाया इश्क़ में हर बात अजीब होती है।
किसी को आशिक़ी तो किसी को शायरी नसीब होती है।।-