पता नही कोरोना को पढ़ाई और शादी से क्यों नफ़रत है। लेकिन अच्छा राजनीतिज्ञ है, चुनाव अच्छा लड़ लेता है।।
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शहादत याद रखेंगे, अंग्रेज़ों के खिलाफ़ उनकी जायज़ बगावत याद रक्खेंगे।
"माता भारती" के लिए जो "आजीवन" उन्होंने की थी वो इबादत याद रक्खेंगे।
जान की बाज़ी भी लगा दी थी जो देश की ख़ातिर वो हिमाकत याद रक्खेंगे।
"देशद्रोहियों" से जो थी उन वीर सपूतों की आमरण "अदावत" याद रक्खेंगे।
उन वीर सपूतों को हम बचा न सके आत्मग्लानी की नदामत याद रक्खेंगे।
सभी धर्म के देशभक्तों में जो आपसे में थी वो अटूट रफाक़त याद रक्खेंगे।
भारत माता की आजादी के लिए सभी शहीदों की मसाफ़त याद रक्खेंगे।
माता को ग़ुलामी की ज़ंजीर से छुड़ाने के लिए उनकी फ़ुरकत याद रक्खेंगे।
है कुछ आस्तीन के साँप जो हमारे शहीदों का सम्मान नहीं करते हैं "अभि"।
उम्मीद है आज के दौर में वो "एहसान फरामोश" हमारी हिदायत याद रक्खेंगे।-
कर्तव्य_
हर कोई यहां अपनी दुकान चलाने में व्यस्त है।
उदाहरण के लिए, विपक्ष के अच्छे काम के लिए एक राजनेता की प्रशंसा करने के बजाय, वह इसकी निंदा करने में लगे हुए हैं।
हर कोई अपना पद, अपना दल से प्यार करता है। लेकिन एक अच्छा राजनीतिज्ञ वह है, जो विषयों की पीड़ा को समझता है और दुःख को समाप्त करता है।
पहले भारत में ज्ञान की कमी नहीं थी, आज ज्ञान की कोई कमी नहीं है, बस अपने कर्तव्य को ठीक से निभाने की कमी है।-
कोई भी माँ-बाप अपने बच्चे को राजनीतिज्ञ बनने की सीख नहीं देता है । (राजनीतिक परिवार अपवाद हो सकते हैं ) जिससे स्पष्ट है कि तमाम चमक-दमक के बाद भी राजनीति आम व्यक्ति के लिए अभी भी साफ़ सुथरी छवि नहीं पा सकी है । लेकिन इसके बाद की कहानी एक अलग ही मोड़ लेती है । एक कामयाब उद्योगपति, डाक्टर,वकील, इंजीनियर ,या फिर नौकरशाह अपनी सफलता का अंतिम चरण राजनीति में ही ढूंढता है।
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उनके शब्दों में ना जाने कैसी
अजब चेतना थी भरी हुई
पड़ जाती थी छाप ह्रदय मे
जब हम सुनते थे कविता नई
सत्ता के उन गलियारों मे अब
इक सन्नाटा है भरा हुआ
सबकी आंखो का था तारा
जो किसी और जहां मे चला गया
राजनीति के भव-सागर का
इक अटल सितारा टूट गया
इक प्रबल प्रणेता का साया
हम सबके सर से छूट गया-
न अपने देश को रोता बिलखता छोड़ कर जाओ ,
तुम्हारे बिन बहुत खलता है न मुंह मोड़ कर जाओ ,
तिरंगा भी बहुत रोया लिपट कर कहा उसने ,
मुझे फिर हांथ में ले लो न ऐसे ओढ़ कर जाओ ...
सच्चे मित्र , कुशल रणनीतिकार , बेदाग छवि वाले और देश के लिए सदा समर्पित राजनेता (पूर्व वित्तमंत्री और रक्षामंत्री) अरूण जेटली जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि और श्रद्धापूर्वक नमन् ...
🙏💐🙏😭😢😭🙏💐🙏-
वाह रे भक्तगण... राहुल और मोदी के चक्कर में भुक्तोगे...
कांग्रेस भक्त+बीजेपी भक्त+अन्य पार्टी भक्त=🐐(कम अक्ल)
कांग्रेस सत्ता के वक़्त की अच्छाई बीजेपीभक्त नहीं देखते..
बीजेपी सत्ता के वक़्त की अच्छाई कांग्रेसभक्त नहीं देखते...
दोनों के दोनों एक दूसरे की बुराई करने में लगे रहते है.....
इतनी गन्दी राजनीति और ऐसे राजनेता का हम साथ भी देते है....
जिन्हे अच्छाई देखने की फितरत नहीं चाहे वो मोदी जी हो या राहुल जी सबको नेत्रदान करना ही चाहिए...
अपने क्षेत्र के अच्छे शख़्स को वोट दीजिये... चाहे वो किसी भी पार्टी का हो, निर्दलीय हो.. क्योंकि वहीं कार्य करेगा....
इतना अक्ल ना लगाने वाले मुर्ख भक्तों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जो राजनितिक पार्टी और राजनेता अपने विपक्ष की अच्छाइयों की तारीफ करे...
बुराईयों को चीखने की बजाय, उनसे सीख ले और इंसानियत के हित में काम करे...
वहीं देश के लिये हितकारी होगा🙏-