Ranjan Kumar Sahu   (ॐ नमः शिवाय 🔱 जय अनंतनागलष्मी 🙏)
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Joined 28 September 2018


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26 MAR 2021 AT 8:21

मिथ्या अभिनय पाप है,
और मिथ्या अल्पप्राण ही सत्य है।

आज के सभी पापी यहीं धरती लोक में ही नर्क-पीड़ा भोग करेंगे।
आज के सभी निष्पाप वहीं सतयुग-स्वर्ग लोक में अमरत्व प्राप्त करेंगे।

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25 MAR 2021 AT 10:26

हे परमेश्वर विश्वकर्मा जी आप प्रेम पूर्वक रचना करते हैं।
इस अतुलनीय धार्मिक कार्य के लिए कोटि कोटि प्रणाम। 🙏

[ यह उनकी कृपा का फल है जो हमें हमेशा आत्मा,
मन-बुद्धि या शरीर को संतुष्टि प्रदान करता है। ]
[ हम बहुत खुश हैं कि आपने हमें किसान रूप में
इंसान बनाया है। ]

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24 MAR 2021 AT 14:03

श्री' क्षेत्र पुरी धाम...
जहाँ बिराजे देवी लक्ष्मी जी महान।

[ महालक्ष्मी की कृपा से हमारा भाग्य महान है। ]

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20 MAR 2021 AT 11:30

सब समय का सम्मान करते संयोग से स्वस्थान रुके हैं!
यह समय का समुचित स्थिरता सत्य के लिए समर्पण हैं।

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8 MAR 2021 AT 15:10

[ ईश्वर प्रेम है और प्रेम ही ईश्वर है। ]
[ ईश्वर प्रेम है और प्रेम ही ईश्वर है। ]
[ ईश्वर प्रेम है और प्रेम ही ईश्वर है। ]

जय अनंतनागलष्मी 🙏

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4 MAR 2021 AT 11:15

हमने किसी के साथ बुरा नहीं चाहा,
हमारे साथ ऊपर वाला अच्छा ही अच्छा रहेगा।

कई बार जो हुआ, वह अकेलापन लगता है,
लेकिन हमें ज्यादातर लोगों में भगवान का पूरा समर्थन है।

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6 FEB 2021 AT 14:26

हे सर्व-काम: सब प्रकार की कामनाएँ पूरे करने वाले
अर्धनारीश्वर आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏

जो लोग नाम के बनते हैं, वह लोग नाम के ही रह जाते हैं।
हम तो काम के सद्देव हैं, जो दूसरों के काम भी आते हैं।

[ भगवान कहते हैं जहाँ समानता है, तुलना शब्द छोटे हो जाते हैं। ]

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11 NOV 2020 AT 10:21

'विश्वास' सच्चाई के धागे से बंधे रिश्ते में स्थापित होता है।
Trust is established in a relationship tied to the thread of truth.

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3 OCT 2020 AT 18:09

मानवता का धर्म यह है कि
अपनी समझ को बढ़ाकर,
मनुष्य कुछ नया सीखता रहे
और उसे दुनिया को देता रहे।

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2 OCT 2020 AT 12:28






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