प्रियसी के अधरों ने ,
प्रियतम के अधरों से ,
घंटो सासों ही सासों में ,
बातें करी ,
अंततः ,
आधे - आधे अधरों के ,
मिलाप की बात कहीं ।
💞💞💞💞
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तूलिकाओं में भर के
इन्द्रधनुषी रंग
बनाऊँ एक चित्र
हृदय के पटल पे
जो न हो कभी धूमिल
समय की गति से;
चित्र जो भरा हो
विरह के विषाद से
और मिलाप के
अमोद से
प्रतिपल जो भरा रहे
जीवन के राग से।
एक ऐसी उत्कृष्ट कृति
जो धन्य कर दे
एक तुच्छ चित्रकार को।-
Open for collab
लाखो की भीड़ मै हम मिले तो थे
पर वो मिलाप जरा कम था
Continue in caption ....-
बारिश की बूंदे
और ठंडी हवा
महकता चमन
खिलता गगन
यही सब तो होता है
जब तेरी यादों का
मौसम मुझपर
बरसता है बारिश बनकर...
सुबह की बारिश
ओर उनपर ये
तेरी यादों का होना
कितना अच्छा मिलाप है..
-
बड़ी तीरगी है नजर में तुम्हारी,
फसल रोशनी की उगाउं कहाँ पर,
लकीरें बनाकर यही सोचता हूँ,
लकीरों को आगे मिलाऊं कहाँ पर...!!-
संभव नहीं, मिलाप गगन में
अँधियारों के मानहंस का;
अभी क्षितिज पर एक धवल सी
रेखा सजकर बैठी है।
】Please Read in the Caption【-
नि:संदेह !
आप विवाह कर सकते है,
ठहरे जीवन को चलाने के लिए...
अभी समय भी है,
सबके पास
सिवाय
विधाता के...
वो सफाई में बहुत व्यस्त है....-
वस्ल की रात आ याद दिला दूँ तुझको
तेरी आँखों की हँसी से मिला दूँ तुझको
विसाल ए यार में तड़पती निगाहें तेरी
प्यासी नजरों से अश्क़ पिला दूँ तुझको
बरसों मिलन की आस में सहमी होगी
छूकर तेरे बदन को आ हिला दूँ तुझको
ठंडी चाय लेकर बैठी थी तू इंतज़ार में
चाय में टूटा बिस्किट खिला दूँ तुझको
क्या जतन करूँ के हो मिलाप अपना
तू ही बता सचिन क्या सिला दूँ तुझको
© सचिन गोयल
सोनीपत हरियाणा
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