सारे गीले शिकवे मिटा दो कोई,
जो रूठा है उसको मना दो कोई,
बहुत हो गई ये चुप्पियां,
हाल ए दिल अब सुना दो कोई,
काफ़ी सह लिया दर्द हमने,
अब इसकी दवा दो कोई,
रुक सी गई है सांसे अब तो,
एक सुकून की ताजी हवा दो कोई
आ जाओ ना मेरी बाहों मे,
सारे गीले शिकवे मिटा दो कोई!
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नहीं आदत हमें बनावट की,
पसंद आए तो like कीजिएगा!
सफ़र मेरा सुहाना हो जाए,
गर साथ में तेरा आना हो जाए,
नही डर फिर दुनियादारी का कोई,
खिलाफ़ भले जमाना हो जाए,
नही कोई परवाह कहीं रुकने की,
तेरा दिल ही मेरा ठिकाना हो जाए!-
मत दो अब कोई दिलासा मुझे,
नही चाहिए अब कोई तमाशा मुझे,
कह देते उसी समय जो था मन में,
अब नही चाहिए कोई खुलासा मुझे,
कर दिया अंधेरा मेरे जीवन में,
अब नही दिखाओ झूठी आशा मुझे!
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मरती इंसानियत को बचाए कौन,
जिंदा होने का एहसास जगाए कौन,
लूंट रही इज्जत बहन बेटियों को सरेआम,
इनके सामने हथियार उठाए कौन,
भर गया पानी नसों में लहू की जगह,
इस खून को शोला बनाए कौन,
भरष्टाचार की दीमक खा रही देश को,
इस दीमक को भगाए कौन,
है वीर योद्धा का देश मेरा भारत,
अब वीरता फिर से दिखाए कौन!-
नाकामयाबी में साथ न देने वाला,
सफलता मिलते ही सम्मान करता है,
ये तमाशबीन समाज है ही ऐसा,
ना जाने किससे डरता है!
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ये सारे नज़ारे तुम्हारे लिए,
ये चांद सितारे तुम्हारे लिए,
ये मौसम के इशारे तुम्हारे लिए,
ये समुंदर किनारे तुम्हारे लिए,
ये बाहों के सहारे तुम्हारे लिए,
हम पूरे सारे तुम्हारे लिए!-
तेरा हुस्न जैसे शराब है
तू हर शायर का ख़्वाब है,
कसीदे क्या पढू तेरी तारीफ़ में,
जैसे तू खिलता हुआ गुलाब है,
सारा गुलशन लगे फीका आज,
क्या कहूं कितनी लाज़वाब है,
तू मिले तो सारी जन्नत जैसे जमीं पर,
तुझे पा लेना आखरी मुराद है!
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