आहटे सुन रहे है यादो कीआज भी अपने इन्तिज़ार में गुम..! -
आहटे सुन रहे है यादो कीआज भी अपने इन्तिज़ार में गुम..!
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आधे से कुछ ज़्यादा, पूरे से कुछ कमकुछ ज़िन्दगी, कुछ ग़म, कुछ इश्क़ ओर कुछ हम ....। -
आधे से कुछ ज़्यादा, पूरे से कुछ कमकुछ ज़िन्दगी, कुछ ग़म, कुछ इश्क़ ओर कुछ हम ....।
ज़िंदा हु में अभी भी,बस मेरे अंदर का कलाकार मर गया। -
ज़िंदा हु में अभी भी,बस मेरे अंदर का कलाकार मर गया।
दो लोगों के साथ इश्क़ में हु,इसलिये उलझन में हु,एक मुझे इश्क़ करता है खुदकी शर्तो के साथएक को में इश्क़ करती हूं अपने ख्वाहिशों के अनुसारइंसान एक ही है वो,बस पहलू अलग हैउसके ओर मेरे प्यार केइसलिये उलझन में हु। -
दो लोगों के साथ इश्क़ में हु,इसलिये उलझन में हु,एक मुझे इश्क़ करता है खुदकी शर्तो के साथएक को में इश्क़ करती हूं अपने ख्वाहिशों के अनुसारइंसान एक ही है वो,बस पहलू अलग हैउसके ओर मेरे प्यार केइसलिये उलझन में हु।
गुरबत गर हालातों की होती तो सम्भल भी जातेमुफलिसी दिल की है तो सब हँसते है हम पर -
गुरबत गर हालातों की होती तो सम्भल भी जातेमुफलिसी दिल की है तो सब हँसते है हम पर
मुअकिल है सभी यहां खुद की बातों की पैरवी करने को,काश कोई जज भी होता मेरे दिल की बात समझने को -
मुअकिल है सभी यहां खुद की बातों की पैरवी करने को,काश कोई जज भी होता मेरे दिल की बात समझने को
उदासी के सायो मेंख़ामोशी चिल्लाती हैंकोई नहीं यहां आपना नज़र दूर तक जाती है। -
उदासी के सायो मेंख़ामोशी चिल्लाती हैंकोई नहीं यहां आपना नज़र दूर तक जाती है।
दिल की किस्मत बदल ना पाएगाबंधनों से निकल न पायेगातुझको दुनिया के साथ चलना हैतू मेरे साथ चल ना पायेगा।। -
दिल की किस्मत बदल ना पाएगाबंधनों से निकल न पायेगातुझको दुनिया के साथ चलना हैतू मेरे साथ चल ना पायेगा।।
आज मेरी कलम उसके तलबदार से मिलीलिखने की है उसने नई उमंग भरी....।कलम के सहारे सोचती हूँ मैं भी ये काम करू,कविता के सहारे उसे अपना हाल कहुक्या पता समझ आ जाये उसे मेरी कहानी....नहीं तो रह जायेगी बनकर कलम की इक और ज़ुबानी।। -
आज मेरी कलम उसके तलबदार से मिलीलिखने की है उसने नई उमंग भरी....।कलम के सहारे सोचती हूँ मैं भी ये काम करू,कविता के सहारे उसे अपना हाल कहुक्या पता समझ आ जाये उसे मेरी कहानी....नहीं तो रह जायेगी बनकर कलम की इक और ज़ुबानी।।
जरूरतों के संसार में,सिसकियाँ ले रहे है कुछ अधूरे ख़्वाबकुछ अधूरी ख़्वाहिशें।। -
जरूरतों के संसार में,सिसकियाँ ले रहे है कुछ अधूरे ख़्वाबकुछ अधूरी ख़्वाहिशें।।