उम्र गुजर गई,आधी मेरी
मग़र क़भी भी ख़ुशी मिली ना
यूँ तो बहारें,आँगन खेली
लेकिन कोई कली खिली ना
मैं आता हूँ पास तेरे,ले मैं फंदे पर झूल गया
अबके लिखना अच्छी किस्मत,फ़िर मत कहना भूल गया
जब तूने मुझे जन्म दिया तब,
मुझे टपकती छत दे डाली
थोड़ा बड़ा हुआ तो तूने
मुझको मोटी मत दे डाली
फ़िर सीने में मुँही ग़रीबी, का गड़ता सा शूल गया
अबके लिखना अच्छी किस्मत_____
खेल कूद की, उम्र में मुझको
जकड़ लिया मेहनत, ने आकर
बड़ा हो गया, बचपन ही में
पायी जवानी, एक उम्र गँवाकर
हालातों के हाथों रौंदा,बचपन वाला फूल गया
अबके लिखना अच्छी किस्मत _____
आख़िर इतना, ज़ालिम क्यूँ है
मुझे बता दे, "सचिन" यूँ है
मैं भी ख़ुश होकर,के देखूँ
मुझको कहदे, अबकी तू है
माफ़ मुझे भगवान तू करना,मैं भी कर ये भूल गया
अबके लिखना अच्छी किस्मत ____
उम्म,हम्म,उम्म,हम्म,हम्ममम्ममम्म
© सचिन गोयल
गन्नौर शहर,सोनीपत
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