ज्योति त्रिपाठी 🌸🐝💗   (❤Jyoti Tripathi ❤)
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Joined 23 September 2018


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Joined 23 September 2018

मुझे तुम्हारा प्यार कुछ इस तरह चाहिये ,❣
कि मुझे तुम्हारे दिल के साथ - साथ ,❣
तुम्हारे घर के कमरे में भी जगह चाहिये ,❣
ज्यादा कुछ नही मुझे तुमसे बस ,❣
एक अर्धांगनी होने के सारे हक चाहिये । ❣

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जब भी लिखा ,
प्रेम, ❣
तो उसे हमेशा कई ,💖
रंगो से लिखा ,
इत्र की खुशबू वाली ,💖
इंक से लिखा ,
जब भी पढ़ा
प्रेम, ❣
तो हमेशा सुकून के ,💖
लम्हो मे पढ़ा ,
फिर मैने कहीं जाकर ,💖
नये ख्यालों को है ,
जन्म दिया । 💖





— % &

-



तुम्हे मेरे केशो की वो छाव लुभाती है ,
और मुझे तुम्हारे चेहरे पर बिखरी वो दाढ़ी भाती है ।

❣🥰❣

-



सोंधी सी खुशबू मिट्टी की ,
जो गंगा तट पर बिखर जाती है ,
अंदर तक वो मन को ,
मोहित कर जाती है ,
बिखरते है तब पृष्ट पर ,
ईश्वर के पावन शब्द,
जिनमे प्रेम की ,
झलक नज़र आती है ।

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बिल्कुल उस सिंदूर जैसा है ,
जो इक स्त्री ,
प्रेम में अपने पति की ,
लम्बी आयु के लिये ,
लगाया करती है ।

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❤🌹श्री मद भागवत ,❤🌹
के कण - कण में ,❤
श्याम का निवास है ,❤
श्याम सुंदरी श्यामा का , ❤
भले ही इसमे , ❤
कहीं नाम नही , ❤
पर वो श्याम ह्दय में ,❤
बस कर ,❤
श्याम में ही ,❤
श्री बन भागवत में , ❤
करती वास है । ❤



-



जब मेरे दिल को प्रेम मिलेगा
तो वो पल बसंत का होगा ,
खूबसूरत सफर में ,
मेरे हाथो में हाथ ,
मेरे हमसफर का होगा ,
खोई रहूँगी मै ,
उसी के ख्यालो में ,
और वो भी मेरे चेहरे के ,
अपने उस नूर से बेखबर,
मुझी में गुम होगा ।

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ईश्वर के पावन ,
ब्रम्ह मूहुर्त में ,
मै जाग जाऊँ, 🧡
अपने नेत्रो के इशारों से ,
फिर मै सुबह बुलाऊँ
तपनांशु की ताप से ,🧡
मै खिल सी जाऊँ,
अपने पाज़ेब की ,
छुन -छुन की शोर से ,🧡
मै सबको जगाऊँ ,
प्रेम के इस प्रेम से ,
मै बंधना चाहूँ । 🧡




-



चूड़ी केस में ,
सजा कर रखा है ,
एक स्त्री ने ,❤
अपने कई अरमानो को ,
रंग बिरंगे से है ,
अरमान उसके ,❤
पर वो कह नही पाती ,
पहन लेती है ,
लाल रंग की चूड़ियाँ , ❤
वो अपने आपको ,
सुहागन दिखाने को । ❤

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भूलना मत ,
वो हमारी पहली मुलाकात ,
जो की थी हमने ,
कल की ,
स्वप्न वाली रात ।

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