मुझे तुम्हारा प्यार कुछ इस तरह चाहिये ,❣ कि मुझे तुम्हारे दिल के साथ - साथ ,❣ तुम्हारे घर के कमरे में भी जगह चाहिये ,❣ ज्यादा कुछ नही मुझे तुमसे बस ,❣ एक अर्धांगनी होने के सारे हक चाहिये । ❣
जब भी लिखा , प्रेम, ❣ तो उसे हमेशा कई ,💖 रंगो से लिखा , इत्र की खुशबू वाली ,💖 इंक से लिखा , जब भी पढ़ा प्रेम, ❣ तो हमेशा सुकून के ,💖 लम्हो मे पढ़ा , फिर मैने कहीं जाकर ,💖 नये ख्यालों को है , जन्म दिया । 💖
सोंधी सी खुशबू मिट्टी की , जो गंगा तट पर बिखर जाती है , अंदर तक वो मन को , मोहित कर जाती है , बिखरते है तब पृष्ट पर , ईश्वर के पावन शब्द, जिनमे प्रेम की , झलक नज़र आती है ।
❤🌹श्री मद भागवत ,❤🌹 के कण - कण में ,❤ श्याम का निवास है ,❤ श्याम सुंदरी श्यामा का , ❤ भले ही इसमे , ❤ कहीं नाम नही , ❤ पर वो श्याम ह्दय में ,❤ बस कर ,❤ श्याम में ही ,❤ श्री बन भागवत में , ❤ करती वास है । ❤
जब मेरे दिल को प्रेम मिलेगा तो वो पल बसंत का होगा , खूबसूरत सफर में , मेरे हाथो में हाथ , मेरे हमसफर का होगा , खोई रहूँगी मै , उसी के ख्यालो में , और वो भी मेरे चेहरे के , अपने उस नूर से बेखबर, मुझी में गुम होगा ।
ईश्वर के पावन , ब्रम्ह मूहुर्त में , मै जाग जाऊँ, 🧡 अपने नेत्रो के इशारों से , फिर मै सुबह बुलाऊँ तपनांशु की ताप से ,🧡 मै खिल सी जाऊँ, अपने पाज़ेब की , छुन -छुन की शोर से ,🧡 मै सबको जगाऊँ , प्रेम के इस प्रेम से , मै बंधना चाहूँ । 🧡
चूड़ी केस में , सजा कर रखा है , एक स्त्री ने ,❤ अपने कई अरमानो को , रंग बिरंगे से है , अरमान उसके ,❤ पर वो कह नही पाती , पहन लेती है , लाल रंग की चूड़ियाँ , ❤ वो अपने आपको , सुहागन दिखाने को । ❤