ज्योति त्रिपाठी 🌸🐝💗   (❤Jyoti Tripathi ❤)
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Joined 23 September 2018


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Joined 23 September 2018

मेरी राधा के नयन से ,
जो यह मेरे नयन मिले ,
तो मेरे इन नयनो को ,
मेरे श्याम का दीदार मिले ।
❤️ राधे कृष्ण ❤️

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मेरी सखी ने पायो है ,
साजन अनमोल रे ,
कभी छोड़ना ना जीजा जी ,
प्रेम की पवित्र डोर ये ,
पल - पल उसका आप ,
ख्याल रखियेगा ,
क्यूँकि बड़ी ही है ,
प्यारी मासूम ये ।
❤️🥰🥰❤️

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पारिजात के वृक्ष से ,
चुन- चुन कर श्वेत ,
मै पुष्प लाऊँ ,
आ कर उसे फिर मै ,
अपने माँ के चरण चढ़ाऊं ,
जो हो जाए प्रसन्न ,
❤️ मेरी माँ ❤️
मेरी पूजा पर ,
फिर मै शिवालय जाऊँ ,
जो दी है उन्होने ,
इतनी प्यारी माँ मुझे ,
मै उसके लिए ,
कृतज्ञता मनाऊँ ।

❤️ अथाह प्रेम मेरी माँ ❤️
🤗

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मै अनुरागी अपने राम की ,
मै पगली हूँ बागेश्वर धाम की ,
मेेरे ह्रदय के पटल पर छब है ,
मेरे हनुमंत लाल की ,
मन की आशाओं को मै अपने ,
मन में ही स्थान देती हूँ,
लगा कर अर्जी बाला जी के ,
श्री चरणो में ,
मै अपनी अर्जी को भुला देती हूँ ,
जब होती है स्वीकार,
तो वह कुछ यूँ इशारे देती है ,
अखियों मे स्वप्न बन कर ,
वानर का वह मुझे बता देती है ।

❤️ मेरे राम ❤️ Bageshwar dham ki pagli beti 🥰😇

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मुझे तुम्हारा प्यार कुछ इस तरह चाहिये ,❣
कि मुझे तुम्हारे दिल के साथ - साथ ,❣
तुम्हारे घर के कमरे में भी जगह चाहिये ,❣
ज्यादा कुछ नही मुझे तुमसे बस ,❣
एक अर्धांगनी होने के सारे हक चाहिये । ❣

— % &

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जब भी लिखा ,
प्रेम, ❣
तो उसे हमेशा कई ,💖
रंगो से लिखा ,
इत्र की खुशबू वाली ,💖
इंक से लिखा ,
जब भी पढ़ा
प्रेम, ❣
तो हमेशा सुकून के ,💖
लम्हो मे पढ़ा ,
फिर मैने कहीं जाकर ,💖
नये ख्यालों को है ,
जन्म दिया । 💖





— % &

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तुम्हे मेरे केशो की वो छाव लुभाती है ,
और मुझे तुम्हारे चेहरे पर बिखरी वो दाढ़ी भाती है ।

❣🥰❣

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सोंधी सी खुशबू मिट्टी की ,
जो गंगा तट पर बिखर जाती है ,
अंदर तक वो मन को ,
मोहित कर जाती है ,
बिखरते है तब पृष्ट पर ,
ईश्वर के पावन शब्द,
जिनमे प्रेम की ,
झलक नज़र आती है ।

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बिल्कुल उस सिंदूर जैसा है ,
जो इक स्त्री ,
प्रेम में अपने पति की ,
लम्बी आयु के लिये ,
लगाया करती है ।

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❤🌹श्री मद भागवत ,❤🌹
के कण - कण में ,❤
श्याम का निवास है ,❤
श्याम सुंदरी श्यामा का , ❤
भले ही इसमे , ❤
कहीं नाम नही , ❤
पर वो श्याम ह्दय में ,❤
बस कर ,❤
श्याम में ही ,❤
श्री बन भागवत में , ❤
करती वास है । ❤



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