QUOTES ON #पीर

#पीर quotes

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7 JUN 2020 AT 8:08

रातभर भीगता रहा तकिया आंखों की नमी से,
कोई क्यों कर यूँ इतना बेहिसाब याद आता है?

दरवाजे पर हर दस्तक पर दिल धड़क जाता है,
कोई क्यों किसी का यूँ बेसबब इंतजार रहता हैं?

इबादत में सर झुकता है रब को सजदा के लिए,
कोई क्यों ख़ुदा की जगह वो ही नजर आता है?

मिलने से पहले सोचते है करेंगें बेशुमार यूँ गुफ्तगू,
कोई क्यों कर रूबरु होते खामोश हुआ जाता है?

तकाजा है कि जियारत करें तो कुछ फ़ज़ल मिले,
कोई क्यों उसे उसका आगोश ही हज लगता है?

हर पीर, नजूमी का फरमान है कि कोई चारा करें,
कोई क्यों कर उसकी बांहे मन्नत का धागा लगता है?

खबर है उसे, नहीं हो पाएंगे एक इस जिंदगानी में,
कोई क्यों कर "राज" नाउम्मीद में उम्मीद रखता है? Mr Kashish

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ये चाहतों का सिला हैं
किसी को ज्यादा किसी को कम मिला हैं!

तुम बने रहो आँखो का काजल
इन आँखो को तो बस अश्क मिला है!

खुशनसीबी हैं तुम्हारी जो तुम्हे खुशी
किसी और को गम मिला है!

जश्न बनाओ, दुआये तुम्हारी हुई कबूल
इस‌ ज़ख्मी परिंदे को फिर तीर मिला हैं!

यूं सूकून नहीं किनारो पर, छलके जब अपने नीर
तब समझ आया इनको भी बहुत पीर मिला है !

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23 MAY 2023 AT 21:33

पीर से कराहती हूँ मैं
तुम मिलो तो औषधी मिले

है दृष्टिगोचर सुहावना मंजर
तुम मिलो तो दृश्य मिले

नींद को तरसती अखियां
तुम मिलो तो स्वप्न मिले

गुनगुनाती बिन सरगम
तुम मिलो तो धुन मिले

तैरती हूं भावनाओ के सागर में
तुम मिलो तो नाव मिले

भटकती हूँ बंजारो सरीखी
तुम मिलो तो घर मिले

डूबती हूँ विरह के सागर में
तुम मिलो तो मिलन मोती मिले

कागज़ी फूलों सा है जीवन
तुम मिलो तो खुशबू मिले

पीठ पर विरह के हज़ार कोड़े बरसें
तुम मिलो तो निशान तक न मिले

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16 JUL 2020 AT 9:10

सुना है ,दुआ क़ुबूल ना होने पर,
लोग पीर बदल लेते है,

जनाब जिस्मानी मोहब्बत ना मिलने पर
आज कल के राँझे हीर बदल लेते है..।।

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5 FEB 2018 AT 1:28

तुमसे बस यूँ ही नहीं मिला हूँ मैं, ना ही यह कोई इत्तेफ़ाक़ है
किसी पीर-फ़कीर-औलिया ने मेरी, दुआ क़ुबूल की है

तुमसे जो बँधी है यह डोर इश्क़, चैन-ओ-सुक़ून, आराम की
मेरे मुस्तफ़ा मेरे मालिक मेरे मौला ने मुझ पर मेहर की है

- साकेत गर्ग 'सागा'

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19 MAR 2018 AT 19:52





दिखावे में खोखली हो रही है शफ़क़त ए बशर
किसी की पीर का इश्तेहार बनना लाज़मी नहीं

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24 SEP 2021 AT 22:49

नीर बहते है नयनो से नारी के,
जब पीर सहा न जाए दिल के,

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2 AUG 2021 AT 10:43

मैं रंगमंच का कलाकार नहीं, जो झूँठा प्यार दिखा पाऊँ
मैं साँची पीर लिये बैठा, अब मैं तो बस इसकी दबा चाहूँ

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26 SEP 2019 AT 20:07

अपनों के व्यवहार से जब हृदय जाता चीर
अनायास तब आँखों से बहती जाती पीर

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6 APR 2018 AT 7:55

अपनी अना में जी रहे हैं लोग
तब ही तो नफरतियों का बाज़ार है
ढूंढ़ ले खुद में ख़ुदा को जो वो
तो सामने पीर फ़क़ीर और मजार है

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