बीता साल तो नहीं सिखा पाया कैसे रहना है तुम्हारे बिन -
बीता साल तो नहीं सिखा पाया कैसे रहना है तुम्हारे बिन
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दिसंबर के इस सर्द मौसम मेंजब चाय की प्याली हाथों में लेती हूँतो लगता है थाम लिए हों तुमने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों हाथ । -
दिसंबर के इस सर्द मौसम मेंजब चाय की प्याली हाथों में लेती हूँतो लगता है थाम लिए हों तुमने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों हाथ ।
घूंट घूट पीते हुए तेरी याद में जीती हूँ ,मालूम है तुझे !मैं आज भी तेरे कॉफ़ी के मग में चाय पीती हूँ। -
घूंट घूट पीते हुए तेरी याद में जीती हूँ ,मालूम है तुझे !मैं आज भी तेरे कॉफ़ी के मग में चाय पीती हूँ।
प्रेम-पत्र मांगती है वो क्योंकि रखा जा सकता है सालों सालप्रेम पत्रों में उड़ेला हुआ प्रेम ! -
प्रेम-पत्र मांगती है वो क्योंकि रखा जा सकता है सालों सालप्रेम पत्रों में उड़ेला हुआ प्रेम !
?दिल से आँखों तक... -
?दिल से आँखों तक...
अब यादों से भी धूमिल कर दीवो परदेस से लौटा नहींपिता के आखिरी संस्कार के लिए भी ! -
अब यादों से भी धूमिल कर दीवो परदेस से लौटा नहींपिता के आखिरी संस्कार के लिए भी !
हर नाम में ढूंढती हूँ नाम तेराअब पूछता नहीं कोई हाल मेराहर दस्तक पे तेरी आस रहती हैजाने कैसे बीतेगा ये साल मेरा -
हर नाम में ढूंढती हूँ नाम तेराअब पूछता नहीं कोई हाल मेराहर दस्तक पे तेरी आस रहती हैजाने कैसे बीतेगा ये साल मेरा
जो जख्म रह जाता हैआईना अक्सर उसका पैबन्दउखाड़ लिया करता है -
जो जख्म रह जाता हैआईना अक्सर उसका पैबन्दउखाड़ लिया करता है
कह कर ही समझाना हैतो क्यूँ समझाना ! -
कह कर ही समझाना हैतो क्यूँ समझाना !
चीख से भी गहरी होती है -
चीख से भी गहरी होती है