QUOTES ON #पिंजरा

#पिंजरा quotes

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30 MAR 2019 AT 21:36

एक दिन चिड़िया उड़ गई
जब अपनो ने ठुकरा दिया
गैरो ने अपना लिया.....
जब ज़िन्दगी का हर दरवाज़ा बन्द
हो गया तब चिड़िया उड़ गई.

बड़ी चाहत थी उसमें आसमान को छूने की
बहुत उम्मीदें थी अपनी कोशिशो पर
उसकी रोते हुए सिसकती हुई आहें
किसी ने ना सुनी.....
तब चिड़िया उड़ गई........

घर मानो जेल लगने लगा था
रोज तिल तिल मरती थी वो
देख कर अपने सपनो को रौंदता
सह न पाई ये सब.......
मौका देख पिंजरे का दरवाजा खोल वो उड़ गई
एक दिन चिड़िया उड़ ही गई..........

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15 DEC 2019 AT 19:33

नवोदय
हम सात बरस क्या उनमें बसे
वो ताउम्र अपना बना गये....

बंद पिंजरे में भी रखके हमें
ऊँची आसमां मे उड़ना सीखा गये....

लाख नवाज़िश देते हम उन्हें
जो हमें इस क़ाबिल बना गये....

चार दीवारी में भी रखकर
हमें जन्नत की सैर करा गये....

जहां भी गए, जिससे भी मिले
हम गर्व से "हमीं नवोदय हो" कह गये....

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30 MAR 2020 AT 21:19

अभी ज़िन्दगी
काली-सफ़ेद ही सही..
पऱ मैं अब भी
रंगों के साथ हूँ,

यह सैयाद मुझे
कब तक कैद में रखेगा
मैं पिंजरे में ही सही..
पऱ पंखों के साथ हूँ..!

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9 MAY 2020 AT 11:30

किसी पिंजरे के अंदर से दिखती है
एक दुनिया कैद किसी पिंजरे में।।

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इस लॉकडाउन ने हमें अहसास कराया है,
कोई पिंजरें में जीने के लिए नहीं आया है।
वक़्त रहते आजाद कर दो इन पंक्षियों को,
वरना त्रासदी में कौन किसे बचा पाया है।

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4 JAN 2019 AT 20:57

कायदा यूं है मेरी कफ़ज में जिन्दंगी का
कसूर हमारा नही खलिश में बंदगी का
ज्यों काबुल है कर्ज़ में जवानी मेरी
त्यों ख़जा में सांसे हो आजदमन्दगी का।
कफ़ज-पिंजरा , खजा-बुढ़ापा

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24 SEP 2019 AT 9:43

दिल पिंजरा नहीं घोंसला है उसका
पक्षी अपना हुआ तो लौट आएगा

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2 NOV 2019 AT 5:56

बेटियां पराई होती है यह सोच कर ,
मुझे भुला देना मेरे बाबुल !
क्योंकि तेरी पिंजरे में रहने से ,
अब मेरा दम घुटता है ...
बड़े हौसलों से यह कदम बढ़ाया है...
तो मुझे जाने देना मेरे बाबुल!
जबरदस्ती के रिश्ते जहन्नुम होते हैं ,
उससे किसी का घर कहां बसता है ...
देखना कल मेरा दामन किसी गैर को ,
थमा मत देना मेरे बाबुल !
तुम ही सोच लो बंधे पैर से ,
पंछी कहां उड़ता है ...
मुझे गैर सोचकर मेरी सब ,
निशानियां मिटा देना मेरे बाबुल !
कोई आसमान में बस कर ,
धरती पर जिंदा ही कहां रहता है ...

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30 NOV 2021 AT 20:18

परिंदे हैं साहेब, पकड़ा तो पिंजरे में अपना वजूद खो देंगे।
क्या आपना क्या पराया, बस हम तो आजाद ही रहने देंगे।।
#क्या_साहेब

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4 OCT 2018 AT 18:48

मुहब्बत के पंछी उडे हैं पिंजरे से ,
बाहर ख़बर कर दीजिए इनको न पकडे ।

पहली दफ़ा ऊँची उडां इतनी भरी हैं ,
बेख़ौफ़ हो आकाश नीले कौन पकडे ?

अनुभव अभी इतना नहीं फिर भी उडे हैं ,
बाली उम्र में रोज़ बाँहे कौन पकडे ?

एक दम हुए आज़ाद तो मारे ख़ुशी के ,
सुध बुद भुला बैठे अजी लो कान पकडे !

समझे नहीं हम हाथ के उनके इशारे ,
बोले नहीं सच झूठ उनका कौन पकडे ?

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